गिरफ्तार नक्सली कृष्णा हासदा की जेल में तबीयत बिगड़ी, रिम्स रेफर

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : एक सप्ताह पूर्व पुलिस के हत्थे चढ़ा हार्डकोर इमामी नक्सली कृष्णा हासदा को बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर किया गया है। मंगलवार को सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे बाहर इलाज कराने को कहा था। देर शाम गिरिडीह पुलिस कड़ी सुरक्षा में सदर अस्पताल से कृष्णा को रिम्स रांची ले गई। बीमार कृष्णा के साथ स्वास्थ्यकर्मियों की एक टीम भी गई है। सेंट्रल जेल में बंद कृष्णा को बदन दर्द की शिकायत थी।सेंट्रल जेल के चिकित्सकों ने उसकी जांच की। उसे रक्त की कमी है। जेल अस्पताल में कृष्णा की हालत ठीक नहीं होने पर उसे मंगलवार की सुबह सदर अस्पताल इलाज के लिए लाया गया।सेंट्रल जेल से कृष्णा को सदर अस्पताल लाने के लिए कड़ी सुरक्षा का प्रबंध किया गया था।मुफ्फसिल थानेदार विनय राम के नेतृत्व में पुलिस की टीम उसे सदर अस्पताल लाई।सदर अस्पताल से रिम्स रेफर किए जाने के बाद भारी सुरक्षा के बीच उसे ले जाया गया।

 

कौन है हार्डकोर कृष्णा हासदा

नक्सली आतंक का पर्याय बन चुका कृष्णा हासदा की गिरफ्तारी जिला पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताई जा रही थी। बीते सप्ताह डुमरी पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में कृष्णा हासदा को गिरफ्तार किया था। 25 लाख का इनामी जोनल कमांडर अजय महतो उर्फ टाइगर के पारसनाथ क्षेत्र छोड़े जाने के बाद संगठन ने कृष्णा को यहां की जिम्मेवारी थी।कुछ ही समय मे अपने उग्र रूप के कारण वह संगठन का चहेता बन गया था।उसका उग्र रूप तब देखने को मिला जब जमशेदपुर के पास कांड्रा में नक्सली नेता प्रशान्त बोस और उसकी पत्नी शीला दी को पुलिस ने दबोचा था।गिरफ्तारी को लेकर बीते साल नक्सलियों ने विरोध सप्ताह की घोषणा की थी। इस दौरान कृष्णा हासदा के नेतृत्व में नक्सलियों ने कई बड़े घटनाओं को अंजाम दिया था।जिसमें ग्रेंड ट्रेंक लाइन जो कोलकाता नई दिल्ली रेलवे लाइन आता है, नक्सलियों ने ट्रैक को उड़ा दिया था।जिससे राजधानी समेत सभी ट्रेनों का आवागमन बाधित हो गया था। बराकर नदी पर बन रहे पुल को आईडी लगाकर उड़ाया था।साथ ही कई मोबाइल टॉवर को भी उड़ा दिया था।

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