अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने डीसी को सौंपा ज्ञापन, डीएसई से की वार्ता
डीजे न्यूज, धनबाद : अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने अपने पांच सूत्री मांगों को लेकर मंगलवार को
डीसी वरुण रंजन को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद संघ के प्रतिनिधिमंडल ने डीएसई भूतनाथ रजवार से उनके कार्यालय में वार्ता की। डीएसई भूतनाथ रजवार ने संघ की मांगों पर कारवाई का आश्वासन दिया।
वार्ता में संघ के जिलाध्यक्ष संजय कुमार, महासचिव नंदकिशोर सिंह, उपाध्यक्ष राजकुमार वर्मा, नीरज कुमार मिश्रा, विजय कुमार, लल्लू तांती, कुमार वंदन, रामलखन कुमार, कुलदीप प्रसाद, सुनील कुमार रॉय, श्याम सुंदर पाठक आदि शामिल थे।
विदित हो कि
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ झारखंड प्रदेश के राज्य कार्यकारिणी की 26 नवंबर को बैठक हुई थी। उस बैठक में संघ की मांगों को लेकर उपायुक्त को ज्ञापन देने का निर्देश जिला कमिटी को दिया गया था। इसी निर्देश के तहत संघ की धनबाद जिला कमिटी ने ज्ञापन दिया और वार्ता की।
इन मांगों पर हुई वार्ता
निदेशालीय पत्रांक 770(विधि)दिनांक 05.10.2023 एवं एवं इसके आलोक में संशोधित पत्र शिक्षा सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पत्रांक 866, दिनांक 14.11.2023 का अक्षरशः अनुपालन करते हुए विभिन्न ग्रेडों तथा ग्रेड 3, 4, एवं 7 में प्रोन्नति देने हेतु विभागीय स्तर से 31. 12. 2023 तक प्रोन्नति नियमावली के अनुसार अंतिम वरीयता सूची प्रकाशन हेतु आवश्यक निर्देश दिया गया है। उक्त आदेश के आलोक में अग्रतर कार्रवाई किया जाय।
धनबाद जिला अंतर्गत अधिशेष शिक्षकों की विसंगति युक्त सूची में प्राप्त आपत्ति पर सम्यक विचारोपरांत ही शिक्षा अधिकार अधिनियम के वर्णित प्रावधान के आलोक में स्थानांतरण प्रक्रिया का निष्पादन किया जाय।
ज्ञात हो कि अधिशेष शिक्षकों की सूची में सैकड़ों वैसे शिक्षक/ शिक्षिका का नाम है, जिन्हें अप्रैल महीने में ग्रेड 4 में प्रोन्नत कर स्थानांतरित करते हुए पदस्थापित किया गया है। ग्रेड 4 का पद एकल पद है जो अधिशेष की सूची में नहीं हो सकता है।साथ ही जिले के विभिन्न विद्यालयों में छात्र संख्या रहने पर भी शिक्षकों का नाम अधिशेष की सूची में है।
जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में जिला शिक्षा अधीक्षक धनबाद के ज्ञापांक 1042, 1043,1044 दिनांक 25/04/2023 के द्वारा स्नातक प्रशिक्षित ग्रेड 4 में प्रोन्नति दी गई है।प्रोन्नति के उपरांत 06 माह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी वेतन निर्धारण का कार्य लंबित है। लाभान्वित शिक्षकों का कैंप लगाकर वेतन निर्धारण का कार्य किया जाए।
जिले में एक शिक्षकीय विद्यालयों में शिक्षक देने के हेतु आवश्यक कार्रवाई किया जाय। एक शिक्षकीय विद्यालय के कारण उस विद्यालय के शिक्षक का स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
असमंजस की स्थिति में हैं विद्यालय प्रधान
उपायुक्त को दिए ज्ञापन में संघ ने बताया कि
मध्यान्ह भोजन योजना में कोविड काल में प्रतिपूर्ति भत्ता का वितरण करने का विभागीय निर्देश दिया गया था कि जिन छात्र/छात्राओं का बैंक खाता था उनका भुगतान D BT माध्यम से जिला कार्यालय के द्वारा विद्यालय से प्राप्त सूची के आलोक में करना था। विद्यालय को बिना बैंक खाता वाले छात्रों को नकद भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। जिला कार्यालय के द्वारा DBT के मध्यम से लाभान्वित छात्रों की सूची विद्यालय को नहीं दिए जाने के कारण आज भी बहुत सारे विद्यालय के बैंक खाता में राशि पड़ा हुआ है। विद्यालय को आवंटित राशि बिना बैंक खाता के छात्रों से अधिक अनुपात में है। इस कारण विद्यालय प्रधान असमंजस की स्थिति में हैं। शिक्षा सचिव एवम निदेशालय द्वारा सघन मॉनिटरिंग की जा रही थी। जिला स्तर से तत्कालीन विभागीय पदाधिकारी द्वारा संभवतः गलत सूचना देकर अपना बचाव कर लिया गया। इसके लिए संगठन हमेशा विभाग के पदाधिकारियों से लिखित और मौखिक संपर्क स्थापित कर, प्रतिपूर्ति भत्ता में हो रही अनियमितता से अवगत कराते रहा। सामाजिक अंकेक्षण के क्रम में यह समस्या शिक्षक एवं विभाग के लिए सरदर्द साबित हो सकता है। साथ ही इस विषय में हुई अनियमितता भविष्य में एक घोटाले के रूप में उजागर हो सकता है।