आजसू को ममता और नीतीश का माडल कर रहा आकर्षित

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डीजे न्यूज, राजगंज, धनबाद : एनडीए के घटक दल आजसू बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के माडल को झारखंड में लागू करना चाहती है। नीतीश कुमार एवं ममता बनर्जी दोनों भाजपा के खिलाफ काफी मुखर हैं। आजसू का मानना है कि नीतीश कुमार और ममता बनर्जी के माडल को लागू कर झारखंडियों को उनका हक दिलाया जा सकता है। नीतीश कुमार बिहार में जातीय जनगणना करा रहे हैं जबकि ममता बनर्जी बंगाल में तृतीय व चतुर्थ वर्गीय पदों की बहाली प्रखंड व पंचायत स्तर पर कर रही है। यही दोनों माडल है जिससे आजसू काफी प्रभावित है। आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की दिल्ली में नीतीश कुमार से मुलाकात भी हो चुकी है।
हेमंत सोरेन ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता तय करने एवं ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया है। ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत करने के फैसले से भी आजसू बहुत खुश नहीं है। राजगंज के बगदहा में गुरुवार को प्रमंडलीय शपथ ग्रहण समारोह में आजसू यह स्पष्ट कर चुकी है। वह बिहार की तरह झारखंड में जातीय जनगणना कराना चाहती है। इसी आधार पर वह एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करना चाहती है। इसी तरह वह तृतीय और चतुर्थ वर्गीय पदों पर बहाली प्रखंड स्तर पर कराना चाहती है। यह फार्मूला बंगाल में ममता की सरकार लागू कर चुकी है।आजसू के गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी एवं गोमिया के विधायक लंबोदर महतो ने बताया कि नीतीश की तरह
झारखंड के मुख्यमंत्री को राज्य में अपने स्तर पर जातीय जनगणना कराना चाहिए। जातीय जनगणना से ही यह स्पष्ट होगा कि सामाजिक स्तर पर कितने लोग हैं। उनकी आर्थिक व शैक्षणिक स्थिति कैसी है और उन्हें कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है। सांसद चंद्रप्रकाश ने बताया कि बंगाल में तृतीय व चतुर्थ वर्गीय पदों पर बहाली प्रखंड व पंचायत स्तर पर होती है। झारखंड में यदि इस व्यवस्था को लागू कर दें तो स्थानीय लोगों को नौकरी मिलेगी। आजसू जब भी सरकार में आएगी दोनों व्यवस्था झारखंड में लागू करेगी।

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