एक महीने बाद दोहा कतर से गोविंद महतो का शव पहुचते ही मचा कोहराम

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umadi bheed

डीजेन्यूज गिरिडीह: जैसे ही रविवार को एक महीने बाद गोविंद महतो का शव दोहा कतर से बगोदर थाना क्षेत्र अंतर्गत घाघरा गांव पहुँचा तो परिजनों के हृदय विदारक चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया।गोविंद महतो की पत्नी बसंती देवी का रोते रोते बुरा हाल हो चुका था,वे लगातार अचेत हो जा रही थी जिनको आस पास के महिलाओं द्वारा सम्भाला जा रहा था,लेकिन अपने पति के खोने के गम में वह किसी की नही सुन रही थी,उनके एक ही शब्द सभी को रुला दे रही थी कि हम केकर बिगडले रहनी हा, अब हमनी के केकरा सहारे रहब। उसकी पत्नी यह कह कर दहाड़ मार रही हैं कि मुझे क्या मालूम कि मेरे पति मुझे ठुकरा कर जिंदगी के उस दहलीज पर ले जाकर खड़ा कर देंगे।विधवा पत्नी की बिलाप सुन कर उपस्थित लोग भी अपने-अपने आंसू को नही रोक पाए।वहीं गोविंद महतो का शव जैसे ही उनके घर पहुंचा तो “क्या बूढ़े, क्या नौजवान एका एक उसके घर के तरफ दौड़ पड़े।बताते चलें कि बगोदर थाना क्षेत्र के घाघरा निवासी स्वर्गीय पति महतो के 43 वर्षीय पुत्र गोविंद महतो एक महीने पूर्व 24 मार्च को दोहा कतर में मौत हो गयी थी।मुआवजे को लेकर एलएनटी कंपनी अनाकानी कर रही थी।लगातार कंपनी पर दवाब बनाकर बीमा,सैलेरी,मुआवजा आदि की राशि लगभग 13 लाख रूपये की सहमति बन पायी।लगातार इस दुखद घटना को लेकर प्रवासी ग्रुप एडमिन सिकन्दर अली ने कहा कि हमारे झारखंड के गिरीडीह,बोकारो व हजारीबाग जिले के अधिकतर पलायन कर चुके हैं और अधिकतर मजदूर विदेशों में काम करते हैं और प्रवासी मजदूरों की मौते लगातार हो रही हैं।जो एक बडी चिंता का विषय हैं। इसलिए मैं झारखंड सरकार से आग्रह करना चाहूँगा कि मृतक परिवारों को सरकार की ओर से उचित सहयोग राशि दी जाय

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