बिरगांव में फेल हुआ शासन-प्रशासन, ग्रामीणों ने संभाली सड़क निर्माण की जिम्मेदारी
बिरगांव में फेल हुआ शासन-प्रशासन, ग्रामीणों ने संभाली सड़क निर्माण की जिम्मेदारी
गांव के बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और स्थानीय जनप्रतिनिधि सड़क निर्माण कार्य में जुटे, उत्साह बढ़ाते रहे मुखिया मंटु मुर्मू
डीजे न्यूज, पीरटांड, गिरिडीह : धनबाद जिले की टुंडी सीमा में स्थित पीरटांड़ प्रखंड के कुड़को पंचायत का बिरगांव गांव आजादी के 77 साल बाद भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है। गांव के अंदर पीसीसी सड़क तो है, लेकिन मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सड़क का अब तक निर्माण नहीं हो पाया। सड़क की इस कमी के कारण यहां तक पहुंचना एक कठिन चुनौती है। अंततः गांव के युवाओं ने इस समस्या का समाधान खुद ही करने का निर्णय लिया। ग्रामीणों ने श्रमदान के जरिए सड़क निर्माण का बीड़ा उठाया ताकि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर आकर्षित हो।
इस प्रयास के तहत रविवार सुबह गांव के बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और स्थानीय जनप्रतिनिधि सभी सड़क निर्माण कार्य में जुट गए। इस दौरान गांव के मुखिया मंटु मुर्मू ग्रामीणों का उत्साहवर्धन करने पहुंचे। हालांकि जिला परिषद सदस्य क्रांति मुर्मू को भी बुलाया गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हो सके।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
ग्रामीण किशुन राय ने कहा, “हमने हर संभव प्रयास किया लेकिन किसी ने हमारी तकलीफों पर ध्यान नहीं दिया। थक-हार कर हमने खुद ही सड़क बनाने का निर्णय लिया और अपने साधनों से कुदाल, गैंता, और हथौड़े लेकर इस काम में जुट गए हैं। जब तक सड़क बन नहीं जाती, हम इसे जारी रखेंगे।”
काली राम बेसरा का कहना है, “हमारे पूर्वज इस कीचड़भरी पगडंडी से गुजरे, और अब हमारे बच्चे हमें इस हालत के लिए कोसते हैं। इसी कारण गांव के युवा और बच्चे खुद से सड़क बनाने के लिए आगे आए हैं, और हम भी उनका साथ दे रहे हैं।”
निरुलाल मरांडी ने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा, “आधुनिक युग में सड़क का न होना हमारे लिए अपमानजनक है। हमारे मेहमानों के सामने हमें शर्मिंदगी महसूस होती है, इसलिए कम से कम बाइक के लिए रास्ता तैयार कर रहे हैं।”
गोबिंद मुर्मू ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा, “पिछले पांच साल से सुनते आ रहे थे कि काम जल्द शुरू होगा, लेकिन पांच साल बीत गए। अब हारकर हम खुद सड़क बनाने में जुट गए हैं।”
सीता देवी ने कहा, “हमारे आसपास के गांवों में सड़कें बन चुकी हैं, लेकिन हमारे गांव में नहीं। इस वजह से लोग हमें ताने देते हैं। अब हमने खुद सड़क बनाने का फैसला किया है।”
कुड़को पंचायत के मुखिया का बयान
कुड़को पंचायत के मुखिया मंटु मुर्मू ने बताया कि बिरगांव का एक हिस्सा धनबाद जिले में आता है, और इसकी भौगोलिक स्थिति विकास में बाधा बन रही है। जंगल न होते हुए भी इस जमीन को जंगल की श्रेणी में रखा गया है, जिससे सड़क निर्माण में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि विधायक और मंत्री तक कई बार इस समस्या को लेकर जाया गया, यहां तक कि अधिकारी जांच के लिए भी आए, लेकिन सड़क निर्माण कहीं और हो गया।
वार्ड सदस्य अजय मुर्मू ने कहा
पंचायत स्तर पर जो संभव है, वह किया जा रहा है। लेकिन इस समस्या के समाधान के लिए उच्च अधिकारियों और नेताओं का हस्तक्षेप जरूरी है। हम मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इस दिशा में कदम उठाए जाएं।”
ग्रामीणों के इस प्रयास ने प्रशासन को सख्त संदेश दिया है और उम्मीद है कि अब बिरगांव की सड़क समस्या पर सरकार और प्रशासन गंभीरता से विचार करेंगे।