अंडर-17 फीफा वर्ल्ड कप फुटबॉल में झारखंड की बेटियां करेंगी देश का प्रतिनिधित्व, बतौर कैप्टन नेतृत्व करेगी अस्टम उरांव
डीजे न्यूज, रांची :
आखिरकार मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की दूरदर्शिता और प्रयास रंग लाया। भारतीय फुटबॉल संघ ने अंतिम रूप से चयनित भारतीय टीम की घोषणा कर दी। टीम में झारखण्ड की अस्टम उरांव, नीतू लिंडा, अंजली मुंडा, अनिता कुमारी, पूर्णिमा कुमारी एवं सुधा अंकिता तिर्की को शामिल किया गया है। अस्टम उरांव और सुधा अंकिता तिर्की गुमला से हैं जबकि नीतू लिंडा, अनिता कुमारी एवं अंजली मुंडा रांची से हैं। पूर्णिमा कुमारी सिमडेगा से हैं। पहली बार फीफा 17 विश्व कप फुटबॉल टीम का बतौर कैप्टन नेतृत्व झारखण्ड की खिलाड़ी अस्टम उरांव करेंगी।
मुख्यमंत्री ने ऐसे किया था खिलाड़ियों को प्रोत्साहित
वर्ष 2020 में लॉकडॉन के दौरान जब पूरा देश बंद था। उस दौरान 2021 में होने वाले फीफा अंडर-17 के लिए भारतीय टीम में चयनित झारखण्ड की खिलाड़ियों को गोवा से वापस झारखण्ड लौटना पड़ा था। अधिकतर खिलाडियों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण तैयारी और खानपान में असर पड़ रहा था। मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने सबसे पहले फीफा प्रतियोगिता के लिए चयनित राज्य की खिलाडियों की ट्रेनिंग की व्यवस्था का निर्देश खेल विभाग को दिया। जिसके बाद सभी खिलाड़ियों को रांची लाकर मेडिकल सुविधा दिला कर राजकीय अतिथि शाला में रखा गया। राष्ट्रीय टीम के मेन्यू के अनुरूप उनके लिए खाने की व्यवस्था और कैंप हेतु मोराबादी फुटबॉल स्टेडियम में ग्राउंड एवं दो कोच की व्यवस्था की गई। इसके बाद फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम के विश्वस्तरीय प्रशिक्षण की सुविधा जमशेदपुर में मुख्यमंत्री के निर्देश पर सुनिश्चित की गई। जहां 10 माह तक भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया था। टीम के लिए रहने की व्यवस्था, ग्राउन्ड, स्विमिंग पूल, जिम सहित यात्रा हेतु बस की सुविधा पूरे 10 माह के लिए सुनिश्चित की गई थी। भारतीय टीम में शामिल झारखण्ड की उन्हीं बेटियों ने आज राज्य का मान बढ़ाया। ये बेटियां झारखण्ड का गौरव हैं। इन बेटियों ने संक्रमण के दौर में जबरदस्त साहस और धैर्य दिखाया। अब ये देश का प्रतिनिधित्व करेंगी।
यूनिसेफ ने चैंपियन आफ चेंज फॉर चाइल्ड राइट्स के रूप में सहयोग किया
चयनित इन बेटियों को सहयोग प्रदान करने के लिए खेल विभाग की ओर से फुटबॉल किट एवं यूनिसेफ की ओर टी-शर्ट्स प्रदान किया गया था। यूनिसेफ ने चैंपियन आफ चेंज फॉर चाइल्ड राइट्स के रूप में चयनित खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ा था। यूनिसेफ इन्हें बाल अधिकारों, किशोर-किशोरियों के मुद्दों, समुचित पोषण की आवश्यकता, माहवारी, स्वच्छता, मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसामाजिक परामर्श आदि मुद्दों पर सरकार को दिए जाने वाले तकनीकी सहयोग के रूप में प्रशिक्षित किया था।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी प्रतिक्रिया में झारखंड की बेटियों के चयन को
ऐतिहासिक कहा है। कहा है कि
फीफा अंडर -17 महिला फुटबॉल विश्वकप के लिए भारतीय टीम में चयनित सभी खिलाड़ियों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं और जोहार। टीम में चुने गए झारखण्ड की बेटियों को भी हार्दिक शुभकामनाएं। लगभग 2 वर्षों तक जमशेदपुर में अंडर -17 टीम को प्रशिक्षण का आयोजन सार्थक हुआ। पूरी टीम को पुनः शुभकामनाएं और जोहार।