विशेष कैंप में 14 लोगों को ऑन स्पॉट मिला फूड लाइसेंस
डीजे न्यूज, धनबाद :
अनुमंडल पदाधिकारी प्रेम कुमार तिवारी के निर्देशानुसार आज कला भवन में फूड लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन कैंप का आयोजन किया गया। कैंप में कुल 21 आवेदनकर्ता आए और 14 लोगों को ऑन स्पॉट मिला फूड लाइसेंस का रजिस्ट्रेशन निर्गत किया गया। कैंप का संचालन खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अभिषेक आनंद के द्वारा एवं आवेदनों का प्रेषण अनुमंडल कंप्यूटर ऑपरेटर मोहम्मद अमजद के द्वारा किया गया।
खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने बताया कि सभी खाद्य कारोबारियों को एफएसएसएआई लाइसेंस/ रजिस्ट्रेशन प्राप्त करना जरूरी है तथा गुणवत्ता पूर्ण खाद्य सामग्री ही बेचना है। जिस भी खाद्य कारोबारी के पास वैद्य एफएसएसएआई लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन नहीं पाया जाएगा उनपर अर्थदंड अधिरोपित किया जाएगा।
खाद्य कारोबारियों को दुकान में एफएसएसएआई लाइसेंस डिस्प्ले करने का निर्देश दिया गया। साथ ही पैकेज खाद्य सामग्री पर निर्माता का नाम, एफएसएसएआई लाइसेंस नंबर, पैकेजिंग डेट, यूज बाय डेट, एक्सपायरी डेट, वजन एवं मूल्य का टंकण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने बताया कि बिना इन जानकारियों के पैकेज खाद्य सामग्री के बिक्री करने पर विधि सम्मत कार्रवाई होगी। मिठाई दुकान के काउंटर पर खुली मिठाइयों पर निर्माण की तिथि तथा यूज बाय तिथि (एक्सपायरी डेट) अंकित करने तथा मिठाई में अखाद्य रंग का प्रयोग नहीं करने व फूड कलर का प्रयोग भी प्रमाणिक मात्रा में उपयोग करने का निर्देश दिया गया। प्रतिष्ठान तथा कर्मचारियों के साफ सफाई पर भी ध्यान देने का निर्देश दिया गया।
उन्होंने होटल, रेस्टुरेंट, ठेला, खोमचा पर परोसे जा रहे मिठाई, चटनी, नूडल्स, वेज चिल्ली, पनीर चिल्ली, मंचूरियन, बिरयानी, ग्रेवी आदि पदार्थ जिसमें फूड कलर का उपयोग किया जा रहा है, उसमें फूड कलर का उपयोग अधिकतम सीमा से ज्यादा नहीं करने का निर्देश दिया।
खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने बताया कि उदाहरण के तौर पर 10 किलो लड्डू के मिश्रण में सिर्फ 1 ग्राम फूड कलर डाला जा सकता है। इससे अधिक डालने पर प्रयोगशाला से जांच होने पर यह हानिकारक श्रेणी में आएगा। अतः एफएसएसएआई मार्क फूड कलर का भी सावधानीपूर्वक उपयोग और सेवन करें। ग्राहकों को भी इस विषय पर जागरूक होने की आवश्यकता है। एफएसएसएआई मार्क फूड कलर भी एक प्रकार का रसायन है, इसका निर्धारित सीमा से अधिक उपयोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है।