डेढ़ माह बाद दर्ज हुई जेल अधीक्षक से दो करोड़ रंगदारी मांगने का केस, पुलिस ने शुरू की जांच
डीजे न्यूज, गिरिडीह : सेंट्रल जेल प्रशासन एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार जेल अधीक्षक को लेकर सामने आया है।प्रभारी जेल अधीक्षक से दो करोड़ रुपए रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है। हलांकि यह मामला डेढ़ माह पुराना है। अगस्त माह के पहले सप्ताह में प्रभारी जेल अधीक्षक अनिमेष चौधरी ने दो करोड़ रुपए रंगदारी मांगने को लेकर मुफ्फसिल थाना में आवेदन दिया था। पुलिस ने चार दिन पहले इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। देरी पर पुलिस की अपनी दलील है। पुलिस का कहना है कि जिस नम्बर से वाट्सएप कॉल और मैसेज आया था, उसकी जांच शुरू की गई है। बोकारो जेल के अधीक्षक अनिमेष चौधरी को करीब पांच महीने पहले गिरिडीह सेंट्रल जेल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। जरूरी काम को निपटाने वह सप्ताह में कुछ दिन गिरिडीह सेंट्रल जेल में आते हैं। करीब दो माह पूर्व सहायक जेलर प्रमोद कुमार पर अपराधियों ने न्यायालय जाने के दौरान रास्ते में गोलीबारी कर हत्या करने का प्रयास किया था। उस समय भी प्रभारी जेल अधीक्षक चौधरी का कहना था कि यह हमला उन्हीं पर होने वाला था। अपराधियों के टारगेट में वह थे। जेल अधीक्षक अपराधियों के टारगेट में होते तो बोकारो से गिरिडीह आने जाने के दौरान उन पर हमला होता।इस बार अगस्त महीने में दो करोड़ रंगदारी मांगने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। जेल अधीक्षक से किन बंदियो को परेशानी हुई या सेंट्रल जेल में वैसा रंगदार बंदी कौन है, यह जानकारी तो जेल के अंदर रहने वाले अधिकारियों और कर्मियों को होगी। यह पुलिस के लिए जांच का विषय है। अनिमेष चौधरी अधीक्षक बनने के पहले धनबाद जेल में जेलर थे।2021 में प्रमोशन मिलने के बाद अधीक्षक बनाए गए थे। चौधरी को प्रभार में योगदान देने के बाद ही गैंगस्टर अमन साहू को गिरिडीह सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया था। फिर शुरू हुई गैंगस्टर और जेल प्रशासन की तकरार। सेंट्रल जेल के विशेष सेल में बंद अमन साहू पर आशीष और मंजेश से संपर्क कर जेल पर हमला कराने का आरोप लगाया गया था जिसमें सात लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है। उसी मामले को लेकर अगस्त में अनिमेष चौधरी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।
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टेक्निकल सेल में वाट्सएप कॉल की चल रही है जांच
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जेल अधीक्षक अनिमेष चौधरी से वाट्सएप कॉल और मैसेज से दो करोड़ रुपए रंगदारी मांगने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है। टेक्निकल सेल से वाट्सएप नम्बर की जांच की जा रही है। जो भी शामिल होगा जल्द कार्यवाही की जाएगी।
—–विनय राम,इंस्पेक्टर सह थानेदार गिरिडीह मुफ्फसिल थाना