फाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू, गिरिडीह में 7,66,980 लोगों को खिलाई जाएगी दवा

0
IMG-20220919-WA0010

डीजे न्यूज, गिरिडीह : मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेंगाबाद में मुख्य अतिथि डा अनिल कुमार, एसपीओ बीबीडी, रांची और सिविल सर्जन डॉ एमपी मिश्रा के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का विधिवत उद्घाटन किया गया। इस दौरान उपस्थित सभी व्यक्तियों के द्वारा दवा प्रशासक की मौजूदगी में उम्र के अनुसार निर्धारित खुराक का सेवन किया गया। इस अवसर पर उपरोक्त के अलावा प्रमुख, बेंगाबाद, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बेंगाबाद, जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी, राज्य प्रशिक्षण सलाहकार, राज्य वित्त सलाहकार, राज्य भीबीडी सलाहकार, जिला भीबीडी सलाहकार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
इस दौरान सिविल सर्जन के नेतृत्व में सभी जनों के द्वारा जिले में फाइलेरिया उन्मूलन हेतु शपथ लिया गया। सिविल सर्जन ने बताया कि भारत सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य 2025 निर्धारित किया गया है। गिरिडीह जिला अंतर्गत राजधनवार, तिसरी, डुमरी एवं बेंगाबाद प्रखंडों में MDA कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के हेतु एमडीए कार्यक्रम इस वर्ष 19 सितंबर से 30 सितंबर तक गिरिडीह जिला अंतर्गत मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत लक्षित जनसमूह को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया जाएगा। इस दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिला, गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को दवा का सेवन नहीं करना है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि गिरिडीह जिले के संबंधित प्रखंडों को मिलाकर कुल 7,66,980 व्यक्तियों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। 19 सितंबर को सभी आंगनबाड़ी केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र पर दवा DEC और अल्बेंडाजोल की एकल खुराक खिलाई जाएगी। शेष बचे हुए व्यक्तियों को 20 सितंबर से 30 सितंबर तक दवा प्रशासक यानी (सहिया, सेविका एवं वालंटियर वर्कर) के द्वारा घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी। इसके अलावा सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में कुल 814 बूथ चिन्हित किए गए हैं। जिसमें कुल 1753 दवा प्रशासक दवा सेवन करवाने हेतु कार्य करेंगे। प्रखंड स्तर पर 194 एवं जिला स्तर से 8 पर्यवेक्षकों द्वारा पर्यवेक्षण का कार्य किया जाएगा। इस दौरान सिविल सर्जन ने सभी से अपील करते हुए कहा कि दवा प्रशासक की उपस्थिति में फाइलेरिया की दवा का सेवन करें। दवा पूरी तरह सुरक्षित है एवं दवा सेवन करते हुए अपने ग्राम एवं प्रखंड को फाइलेरिया मुक्त बनाने में जिला प्रशासन का सहयोग करें।
फाइलेरिया एक खतरनाक बीमारी है जिससे हाथी पाँव या हाइड्रोसिल होने का खतरा होता है। यह बीमारी मादा क्युलेक्स नामक मच्छर काटने से होती है।
संक्रमण के शुरू में कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है। संक्रमण के कुछ सालों के बाद बुखार रहने लगता है। कुछ वर्षों के बाद दर्द एवं पैरों में सुजन आने लगती है इस बीमारी ठीक से उपचार नहीं होने पर सुजन स्थायी हो जाता है। फाइलेरिया बीमारी को स्थानीय भाषा में हाथी पाँव कहा जाता है।
इस बीमारी से बचाव हेतु वर्ष में एक बार मास ड्रग एडमिशट्रेशन कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया रोगी दवा की एकल खुराक खाना आवश्यक है।
यदि सभी व्यक्तियों को डी.ई. सी . एवं अलबेन्डाजोल गोली की एक खुराक वर्ष में एक बार खिलायी जाये तो 80 से 90 प्रतिशत तक इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है एवं अपने अगले पीढ़ी के बच्चों में इस बीमारी को फैलने से रोक सकते है। फाइलेरिया की दवा किसी भी स्थिति में खाली पेट नहीं ली जानी चाहिए।
इस वर्ष एम ० डी ० ए ० दिनांक 19 सितम्बर से 30 सितम्बर 2022 तक मनाया जायेगा। इस कार्यक्रम के अर्न्तगत एक दिन ( 19 सितम्बर 2022 ) को सभी आंगनवाड़ी केन्द्रो / सा ० स्वा ० केन्द्रो / स्वास्थ्य उपकेन्द्रों / वार्ड कार्यालय एवं अन्य सार्वजनिक स्थान को बुध के रूप में चिन्हित करते हुये दवा सेवन कराया जायेगा। बची हुई लक्षित आबादी को घर – घर जाकर सहिया / स्वास्थ्य कार्यकर्ता के द्वारा अपनी उपस्थिति में डी ० ई ० सी ० एवं अल्बेन्डाजोल गोली की एकल खुराक खिलाई जायेगी।
02 वर्ष से कम उम्र के बच्चे गर्भवती महिला एवं गम्भीर रूप से बिमार व्यक्ति को छोड़कर अन्य सभी को उम्र के अनुसार डी ० ई ० सी ० एवं अल्बेन्डाजोल की गोली एकल खुराक खिलाई जाती है। 01 वर्ष से 02 वर्ष के बच्चों को अल्बेन्डाजोल आधी गोली खिलाई जायेगी।
संबंधित प्रखण्डों में कुल 7,66,980 सात लाख छियारसठ नौ सौ अस्सी व्यक्यिों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। शत-प्रतिशत लाभार्थी को दवा का सेवन करवाना हम सभी की जिम्मेदारी है।
यह दवा पुर्णतः सुरक्षित है दवा का सेवन के पश्चात् जिन व्यवियों के खून में फाइलेरिया के रोगाणु उपस्थित होते हैं उनको प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है जैसे सिर दर्द , उल्टी , चक्कर एवं बुखार ये समस्या एक प्रतिशत लोगों में होती है जो माइक्रो फाइलेरिया से संक्रमित है प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन हेतु जिला एवं प्रखण्ड स्तर पर रैपिड रिसपोंस दल का गठन किया गया है।
संबंधित प्रखण्ड में कुल 814 बुध चिन्हित किये गये है। 1753 दवा प्रशासक के द्वारा फाइलेरिया रोधी दवा 19 सितम्बर से 30 सितम्बर 2022 तक खिलाई जायेगी एवं 194 पर्यवेक्षकों के द्वारा कार्य का पर्यवेक्षण किया जायेगा।
सभी दवा प्रशासक एवं पर्यवेक्षकों का जिला एवं प्रखण्ड स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सभी जनसमुदाय से अपील है कि गिरिडीह जिला में फाइलेरिया उन्मूलन हेतु 19 सितम्बर से 30 सितम्बर को आयोजित एम ० डी ० ए ० कार्यक्रम में दवा अवश्य खायें एवं दूसरों को खाने के लिए प्रेरित करें एवं कार्यक्रम को सफल बनावें और गिरिडीह जिला को फाइलेरिया मुक्त करने में सहयोग करें।

इस खबर को शेयर करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *