डीजे न्यूज, गिरिडीह : गिरिडीह के हिन्दी लेखक डा. छोटू प्रसाद चंद्रप्रभ को साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान देने के लिए चतुर्थ अग्रणी रचनाकार सम्मान प्रदान किया जाएगा। झारखंड के अग्रणी पब्लिकेशन संस्थान ने इसकी घोषणा की। संस्थान के संचालक रीतेश सराक ने बताया कि यह सम्मान झारखंड निवासी ऐसे रचनाकार को दिया जाता है, जिसने साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। इसके तहत अभी तक हिन्दी लेखिका महुआ माजी और बांग्ला लेखिका मधुश्री सेन सान्याल को सम्मानित किया जा चुका है। इसके बाद दुमका निवासी कवि विनय सौरभ को तृतीय अग्रणी रचनाकार सम्मान देने की घोषणा हुई थी। इसी कड़ी में चतुर्थ सम्मान गिरिडीह के लेखक डा. छोटू प्रसाद चंद्रप्रभ को देने का निर्णय लिया गया है। आगामी नवंबर माह में समारोह पूर्वक उन्हें गिरिडीह में सम्मान दिया जाएगा। उनके साथ कवि विनय सौरभ को भी पूर्व घोषित तृतीय अग्रणी रचनाकार सम्मान दिया जाएगा।
लेखक डॉ छोटू प्रसाद चंद्रप्रभ ने हिन्दी साहित्य लेखन में उल्लेखनीय कार्य किया है। पेशे से अर्थशास्त्र के शिक्षक डॉ चंद्रप्रभ की कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें प्रमुख हैं ‘आखिर क्यों’, ‘शाक्यमुनि’ और ‘चंद्र के विविध चेहरे’। ‘आखिर क्यों’ नामक लघु उपन्यास इनकी पहली प्रकाशित पुस्तक है। महात्मा बुद्ध के जीवन और उपदेशों पर आधारित प्रबंध काव्य की उनकी पुस्तक ‘शाक्यमुनि’ काफी चर्चित रही। इसके बाद उनके वृहद उपन्यास ‘चंद्र के विविध चेहरे’ को पाठकों ने खूब पसंद किया है। गिरिडीह के खोरठा अंचल की पृष्ठभूमि पर केंद्रित यह हिन्दी उपन्यास एक जरूरी किताब है। ‘निशिकांत और दो अन्य लघु उपन्यास’ उनकी आने वाली पुस्तक है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं हमेशा प्रकाशित होती रहती हैं।