हमने सरकारी कर्मियों को “बुढ़ापे की लाठी” की सौगात दी : हेमंत सोरेन
डीजे न्यूज, रांची :
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रति आज झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के द्वारा आभार प्रकट समारोह आयोजित किया गया। समारोह में झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ ने राज्य सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने के निर्णय को लेकर मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि लम्बे समय से पुरानी पेंशन की मांग सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश के सरकारी कर्मियों द्वारा उठाई जा रही है। राज्य सरकार ने झारखंड के सरकारी कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना की सौगात दी है। पेंशन बुढ़ापे का सहारा माना जाता है। कुछ कारणों से आप सरकारी कर्मियों से पेंशन रूपी सहारे की लाठी को छीन लिया गया था परंतु हमारी सरकार ने आपको उस लाठी को देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरी में आने के बाद कर्मियों की कुछ चीजों के प्रति आशाएं और उम्मीदें होती हैं। आपके आकांक्षाओं के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके इस निमित्त राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रशासनिक संरचनाओं को कैसे सुदृढ़ और प्रभावी बनाया जा सके इसके लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। राज्य सरकार के विकासात्मक योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि विभिन्न विभागों में मानव बल की रिक्तियों को भरने का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा देखा गया था कि पिछले कुछ वर्षों में कई सरकारी दफ्तरों में मात्र 10% से लेकर 15% मानव बल ही कार्यरत हैं। प्रशासनिक सुधार हेतु राज्य सरकार द्वारा एक कमिटी भी बनाई गई थी जिसका रिपोर्ट राज्य सरकार के पास आ चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार काम करने के डेली रूटीन के अनुभव के आधार पर भी कई निर्णय ले रही है। पुरानी पेंशन योजना बहाल होने पर जितनी खुशी आप सरकारी कर्मियों को हुई है उतनी ही खुशी मुझे भी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मुखिया के रूप में आज हम हैं, कल कोई दूसरा, परसों कोई और हो सकता है। सत्ता आती-जाती रहती है परंतु मेरा मानना है कि व्यवस्थाएं सुदृढ़ और बेहतर होनी चाहिए। आप सभी कर्मी निर्भीक और ऊंचे मनोबल के साथ काम करें इस निमित्त हमारी सरकार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार ऐसी शिकायतें आती हैं कि दफ्तरों में फाइलें उलझ कर रुक जाती हैं। आप सभी सरकारी सेवक इस बात का ख्याल रखें कि बेवजह फाइलों के मूवमेंट में देर न हो ताकि फाइल मूवमेंट से जुड़ी शिकायतें न मिले। आप अपने जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी निष्ठा और ईमानदारी पूर्वक करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आईएएस, आईपीएस या किसी भी पदाधिकारी के ऊपर कोई बंदिशें नहीं डालती है। जो काम जनहित के लिए हो और सही हो उसे आप जरूर करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के दृष्टिकोण से देश में कई राज्य तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। झारखंड के पदाधिकारी भी उन राज्यों का परिभ्रमण कर अच्छी कार्यशैली को अपनाने अथवा अनुसरण करने का काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ द्वारा मेरे समक्ष कुछ मांगे रखी गई हैं। मैं आप सभी पदाधिकारियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मेरे संज्ञान में जो भी चीजें आएंगी नियमानुसार एक-एक कर सभी पर सकारात्मक विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार आईएएस-आईपीएस को ठहरने के लिए सर्किट हाउस इत्यादि की व्यवस्था की जाती है, उसी प्रकार जिला तथा प्रखंड स्तर में पदस्थापित पदाधिकारियों को भी रहने की व्यवस्था राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। राज्य में वैसे पदाधिकारी जो बेहतर शिक्षा के लिए आगे और पढ़ाई करना चाहते हैं, वैसे पदाधिकारियों को शिक्षा ग्रहण करने की अवधि तक का वेतन तथा शिक्षा ग्रहण करने हेतु आर्थिक सहायता राशि भी देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राज्य में कोई कमी नहीं है। दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो सारी चीजें व्यवस्थित हो सकती हैं। मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों से कहा कि राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा के तहत झारखंड में यूनिवर्सल पेंशन योजना लागू करने का काम किया है। इस योजना को पूर्ण रुप से लागू करने में आप सभी पदाधिकारियों की भूमिका अहम है। पदाधिकारी राज्य में सर्वजन पेंशन योजना के दायरे में आने वाले पात्र लोगों को जोड़ने का काम करें। आप सभी पदाधिकारी लक्ष्य निर्धारित करें कि कोई एक भी पात्र लाभुक सर्वजन पेंशन योजना के लाभ से वंचित न रहे।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष राम कुमार सिन्हा, सचिव बालकिशुन मुंडा एवं बड़ी संख्या में झारखंड प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारीगण उपस्थित थे।