प्रसाशन ने शुरू कराई सरकारी जमीन की घेराबंदी
गिरिडीह : जिला प्रशासन के अनुसार सोमवार को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पांडेडीह मौजा में लगभग 33 एकड़ सरकारी जमीन को प्रशासन की मौजूदगी में सीमांकन करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जानकारी दी गई कि भू माफियों द्वारा पांडेडीह मौजा ज़मीन को इन दिनों खरीद बिक्री की जा रही थी। अंचल अधिकारी को मिली सूचना के बाद इसकी एक प्रतिवेदन जिला प्रशासन को सौंपी गई।
जिसके बाद जिला प्रशासन की ओर से जमीन की नापी करके ट्रेंच कटवाना शुरू कर दिया गया। सरकारी जमीन की घेराबंदी कराने को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी विशालदीप खलको, एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह, कार्यपालक दंडाधिकारी धीरेंद्र कुमार, अंचल अधिकारी रवि भूषण प्रसाद, नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी, मुफस्सिल थाना विनय कुमार राम, प्रभारी पचंबा थाना प्रभारी नीतीश कुमार, सर्किल इंस्पेक्टर समेत लगभग 800 की संख्या में जवान उक्त स्थल पर तैनात थे। प्रशासन की मौजूदगी में सरकारी जमीन की नापी करके पूरे एरिया में इस जमीन की खरीद बिक्री पर पूर्णत प्रतिबंधित का कुल 6 बोर्ड पद स्थापित कर दिया गया। इस बाबत सदर एसडीओ विशाल दीप खलको ने बताया कि अंचल अधिकारी द्वारा पांडेडीह मौजा खाता संख्या 15,21 ओर 22 जमीन का एक प्रतिवेदन समर्पित किया किया था। उन्होंने जानकारी दी कि लगभग 33 एकड़ जमीन बंगाल कोल कंपनी लिमिटेड द्वारा 25 वर्षों के लिए अस्थाई नोबल्स एक्सप्लोसिव कंपनी को लीज पर दिया गया था। जिसकी अवधि 1951 में समाप्त हो गई थी। जिसके बाद यह जमीन सरकारी जमीन में निहित हो गई और वर्तमान में यह झारखंड सरकार की जमीन है। उन्होंने कहा कि कुछ भूमाफिया द्वारा इस जमीन की खरीद बिक्री करने का प्रयास किया जा रहा था। इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने इस मामले को संज्ञान में लेते उक्त जमीन की घेरा बंदी करवाना शुरू कर दी है। एसडीएम ने मीडिया के माध्यम से कहा कि कोई भी लोग सरकारी जमीन पर कब्जा ना करें। सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। एसडीपीओ अनिल सिंह ने बताया कि यह जमीन पूर्णरूपेण सरकारी जमीन है। गलतफहमी के कारण लोग इस जमीन की खरीद बिक्री कर रहे थे। जिसके कारण जिला प्रशासन और जवानों की उपस्थिति में घेराबंदी का कार्य शुरू कर दिया गया। इधर अंचल अधिकारी ने बताया कि जमीन का खाता संख्या 15 21 22 राज्य सरकार की जमीन है। जिसका प्लॉट संख्या 11 है ओर कुल रकवा लगभग 33 एकड़ है। इस जमीन की बिक्री पूर्णत प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि जमीन की बिक्री को लेकर जानकारी मिल रही थी। जिसके बाद जिला प्रशासन के आदेशानुसार उक्त जमीन की घेराबंधी ट्रेंच के माध्यम से कराया जा रहा है।