क्षेत्र में नक्सली आतंक फैलाने का भी काम करता था पंकज

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डीजेन्यूज डेस्क :तिसरी के खतपोंक में ठेकेदार से लेवी मांगने वाला पंकज ही था।पंकज झारखंड-बिहार सीमावर्ती क्षेत्र के कुख्यात नक्सली दरोगी यादव का बेटा है।दरोगी यादव का फिलहाल गिरिडीह न्यायालय में तीन नक्सली मामले लंबित है।
दरोगी यादव को गिरिडीह सेंट्रल जेल में नक्सल आरोप में कई माह सजा काटने के बाद जमूई जेल शिफ्ट किया गया है।पुलिस के हत्थे चढ़े पंकज ने गुनाह कबूलनामे में कई खुलासा किया है।जमूई जिले के चरकापत्थर का रहने वाला पंकज पर गिरिडीह के अलावा जमूई और नवादा में भी लेवी और रंगदारी के मामले बताए जाते हैं।पकंज में हत्याकांड में संलिप्तता की बात भी कबूल की है।बताया कि चकाई में मुखबिरी करने वाले चतुर हेम्ब्रम के बेटे अजय हेम्ब्रम की हत्या में वह शामिल था।इस कांड में पहले गिरफ्तार हुए उपेंद्र यादव का ममेरा भाई है।वही कमलेश यादव उसका सहयोगी है।उपेंद्र के साथ मिलकर नक्सली पर्चा छपवाता था।उस नक्सली पर्चे को क्षेत्र में निर्माण करने वाले एजेंसी के ठेकेदारों को धमकी देकर रंगदारी लेवी के रूप में लेता था।खटपोंक में चालीस लाख रुपए के लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण किया जा रहा था।ठेकेदार चुन्नु सिंह से 15 फ़ीसदी राशि लेवी के रूप में रंगदारी मांगी थी।जिस मोबाइल से पंकज ने रंगदारी मांगी थी वह मोबाइल भी किसी से लुटा हुआ था।मोबाइल लोकेशन और गतिविधियों के आधार पर पंकज को दबोचा गया था।पंकज ही इस मामले का मास्टरमाइंड बताया गया है।उपेंद्र पहले ही गिरफ्तार हुआ है।फिलहाल तिसरी पुलिस ने गिरफ्तार तीनो के खिलाफ नक्सल से संबंधित कोई धाराएं नही लगाई है।थानेदार ने बताया कि तीनों के आपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है।जल्द ही इस बारे में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।

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