कोर्ट फीस बढ़ोतरी के खिलाफ गिरिडीह-धनबाद-कोडरमा समेत राज्य के 25 हजार अधिवक्ता न्यायिक कार्य से रहे दूर, ठप रहा अदालतों का कामकाज

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : कोर्ट फीस बढ़ोतरी के खिलाफ गिरिडीह, धनबाद, कोडरमा समेत राज्यभर के 25 हजार अधिवक्ता सोमवार को3 न्यायिक कार्य से दूर रहे। झारखंड बार काउंसिल के आह्वान पर हाई कोर्ट सहित राज्य के किसी भी अदालत में अधिवक्ताओं ने किसी भी मामले में अदालत में पैरवी नहीं की। गिरिडीह बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश सहाय, सचिव चुनुकान्त एवं अजय सिन्हा मंटू ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कोर्ट फीस बढाया जाना अनुचित है। कोर्ट फीस में छह गुण से लेकर दस गुणा बढ़ोतरी की गई है। इससे राज्य की गरीब जनता न्याय से वंचिह हो जाएगी। संपत्ति विवाद में पहले अधिकतम पचास हजार रुपये फीस जमा करनी पड़ती थी। अब उसे बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है। ऐसे में अगर किसी की जमीन को लेकर विवाद होता है, तो वह कोर्ट तक नहीं पहुंच पाएगी। इसके अलावा किसी केस में प्रार्थी के उपस्थित नहीं होने पर पांच रुपये की कोर्ट फीस पर अधिवक्ता स्वयं कोर्ट में उपस्थित हो जाता था। अब उसको बढ़ाकर बीस रुपये कर दिया गया है। अगर राज्य सरकार कोर्ट फीस बढ़ोतरी को वापस नहीं लेती है, तो राज्य स्टेट बार काउंसिल इस मामले में कठोर निर्यय लेगा। इधर धनबाद एवं कोडरमा में भी वकीलों के आंदोलन से अदालत का कामकाज ठप रहा।
विदित हो कि राज्य से सभी जिला बार संघों में अधिवक्ता काला बिल्ला लगाकर विरोध दर्ज करा रहे हैं। इसके अलावा उपायुक्त को इससे संबंधित ज्ञापन भी सौंपा गया है।
अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से दूर होने की वजह से कई महत्वपूर्ण मामलों में सुनवाई टल गई है।

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