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न्यायिक शुल्क बढ़ोतरी से भड़के अधिवक्ता, कहा, गरीबों के लिए मुकदमा लड़ना होगा अब मुश्किल
डीजे न्यूज, गिरिडीह :
झारखंड सरकार ने न्यायिक शुल्क में सौ फीसदी तक बढ़ोतरी की है। बढ़े न्यायिक शुल्क बुधवार से लागू हो गई है। इससे अब पक्षकारों को चार गुना से लेकर दस गुना अधिक खर्च करना पड़ रहा है।झारखंड के अधिकांश पक्षकार काफी गरीब तरह के हैं जिनमें किसान,मजदूर शामिल हैं। न्यायिक शुल्क बढ़ जाने से वे अब काफी परेशान हैं। इसे लेकर अधिवक्ताओं में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। अधिवक्ताओं ने राज्य सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की है।
देवभूमि झारखंड न्यूज से बातचीत में अधिवक्ताओं ने अपना आक्रोश व्यक्त किया है। प्रस्तुत है बातचीत के अंश :
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गरीबों को न्याय मिलना होगा दूभर : यादव : न्यायिक शुल्क बढ़ जाने से सबसे ज्यादा असर उन गरीब पक्षकारों को होगा, जो अपना मुकदमा कम खर्च में लड़ पाते थे। अब वे अधिक राशि खर्च नही कर पाने की स्थित में न्याय पाने में असमर्थ होंगे। बिपिन कुमार यादव,अधिवक्ता
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सरकार का गैरजिम्मेदाराना हरकत : पंचानन
: राज्य सरकार का यह निर्णय विवेकपूर्ण नही है। सरकारी मुलाजिम को यह निर्णय लिए जाने से पूर्व राज्य की भौगोलिक स्थिति का आकलन करना चाहिए था। गरीब और मुकदमे में फंसे पक्षकार जो पैदल कई किलोमीटर की यात्रा कर न्यायालय आते हैं, अब उन्हें बढ़ी फीस भी अदा करनी होगी। पंचानन कुमार मुनि, अधिवक्ता
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जल्द वापस निर्णय ले राज्य सरकार : शुभोनिल :
राज्य सरकार झारखंड जैसे गरीब राज्य में ऐसा निर्णय न्याय हित मे नही लिया है।यह निर्णय बिलकुल बचकाना है।जिसका सीधा असर गरीब जनता पर पड़ रहा है।जो व्यक्ति कम खर्च में अपना केस लड़ लेते थे, अब उन्हें काफी मुश्किल होगी। सुभोनिल सामंता,अधिवक्ता
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जेल में बंद आरोपितों को भी होगी समस्या : महेश्वरनाथ :
न्यायिक शुल्क बढ़ जाने से अब जेल में बंद आरोपितों को भी बाहर निकलने के लिए अधिक पैसे खर्च करना होगा।वकालतनामा पर छह गुणा, एफिडेविट पर चार गुणा और सच्ची प्रतिलिपि पर अधिक राशि का स्टाम्प देना होगा। जेल में बंद कई गरीब पक्षकारों को अब अधिक खर्च के कारण निकलने में देरी होगी। महेश्वनाथ सहाय,अधिवक्ता
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बढ़े न्यायिक शुल्क का असर अधिवक्ताओं पर: मनीष :
न्यायिक शुल्क बढ़ाए जाने से इसका सीधा असर अधिवक्ताओं पर पड़ेगा।गरीब पक्षकार अपने अधिवक्ता को कम राशि पर कार्य करने का दबाब बनाएंगे।कम राशि मे ही अधिवक्ताओं को मुकदमा लड़ना मजबूरी होगी।अधिवक्ताओं की आमदनी प्रभावित होगा:मनीष मंडल, अधिवक्ता।
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अधिवक्ता लिपिक के आय पर भी असर : गोपाल : न्यायिक शुल्क की बढ़ोतरी अधिवक्ता लिपिक के आमदनी को प्रभावित करेगी जो पक्षकार नियमित न्यायालय नही आ पाते हैं। उनके बदले न्यायिक शुल्क के साथ प्रतिनिधित्व में महंगे स्टाम्प लगाना होगा,जो सीधे उनके जेब से जाएगी। गोपाल रजक,अधिवक्ता
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दीवानी मुकदमा लड़ना होगा सपना : गीतेश
: राज्य सरकार ने जिस तरह न्यायिक शुल्क की बढ़ोतरी की है, वे समझ से परे है। दीवानी मुकदमों में तीन लाख रुपए तक का कोर्ट फी जमा करना होगा।अब आम और गरीब जनता को दीवानी मुकदमा लड़ना सपने जैसा होगा। गीतेश चन्द्र,अधिवक्ता

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