तिसरी के जंगलों से बेशकीमती लकड़ी की तस्करी

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तिसरी के जंगलों से बेशकीमती लकड़ी की तस्करी

वन विभाग ने जब्त की सखुआ लकड़ी

डीजे न्यूज, तिसरी, गिरिडीह:

तिसरी प्रखंड के उत्तरी छोर पर स्थित घने जंगलों में बेशकीमती लकड़ी की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है। तस्कर लगातार पेड़ों की कटाई कर उन्हें बिहार सहित अन्य राज्यों में तस्करी के लिए भेज रहे हैं। मंगलवार को मनसाडीह ओपी क्षेत्र के बिहार सीमा पर स्थित बिरनी और कुंडी के जंगलों से सखुआ के बेशकीमती बोटों को गाड़ी में लोड कर ले जाने के दौरान वन विभाग ने जब्त कर लिया।

 

वन विभाग के कर्मियों ने जब्त की गई लकड़ी और गाड़ी को तिसरी बिट ऑफिस पहुंचाया। विभाग ने तस्करों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

 

तस्करी के कारण जंगलों पर मंडरा रहा है खतरा

 

तिसरी प्रखंड के सुदूरवर्ती जलगोड़ा, पिपरा, सकसकिया, अंजनवा, कुंडी, बिरनी और चरकी जैसे गांवों के जंगलों में लकड़ी तस्कर और माइका माफिया सक्रिय हैं। आए दिन ये तस्कर जंगलों से बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई करते हैं। घने जंगल, जो कभी तिसरी की पहचान हुआ करते थे, अब तस्करों की वजह से विरान होते जा रहे हैं।

पिछली कार्रवाई नाकाफी

 

वन विभाग ने लकड़ी तस्करों के खिलाफ पहले भी कई बार कार्रवाई की है, लेकिन तस्करी पर रोक लगाना अब तक चुनौती बना हुआ है। जंगलों से बेशकीमती सखुआ और अन्य लकड़ियों को काटकर बिहार और अन्य राज्यों में तस्करी करने का यह धंधा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।

 

गाड़ी सहित बोटा जब्त, तस्करों पर नजर

 

मंगलवार को वन विभाग ने तस्करों के मंसूबों पर पानी फेरते हुए जंगल से गाड़ी में लदी सखुआ की लकड़ी को जब्त किया। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के समक्ष चुनौती

 

तिसरी प्रखंड के जंगलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना वन विभाग और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अगर तस्करों पर जल्द सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो तिसरी के जंगल पूरी तरह खत्म हो सकते हैं।

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