पंख जो होते हैं, उड़ जाती नंद बाबा के द्वार भजन पर झूमे श्रद्धालु 

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पंख जो होते हैं, उड़ जाती नंद बाबा के द्वार भजन पर झूमे श्रद्धालु 

डीजे न्यूज, कतरास, धनबाद  :  भंडारीडीह स्थित दुखहरण धाम मंदिर  में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान आयोजित भागवत कथा में कथावाचक  सुरेन्द्र हरीदास महाराज ने पुतना उद्धार एवं श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने भजन पंख जो होते हैं उड़ जाती नंद बाबा के द्वार श्रवण कराते हुए कृष्ण जन्म पर नंद बाबा की खुशी का वृतांत सुनाते हुए कहा की जब प्रभु ने जन्म लिया तो वासुदेव जी कंस कारागार से उनको लेकर नन्द बाबा के यहाँ छोड़ आये। नंद बाबा के घर में कन्हैया के जन्म की खबर सुन कर पूरा गोकुल झूम उठा।

पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए कहा की पुतना कंस द्वारा भेजी गई एक राक्षसी थी और श्रीकृष्ण को स्तनपान के जरिए विष देकर मार देना चाहती थी। पुतना कृष्ण को विषपान कराने के लिए एक सुंदर स्त्री का रूप धारण कर वृंदावन में पहुंची थी। जब पूतना भगवान के जन्म के छह दिन बाद प्रभु को मारने के लिए अपने स्तनों पर कालकूट विष लगा कर आई तो मेरे कन्हैया ने अपनी आँखे बंद कर ली, कारण क्या था? क्योकि जो एक बार मेरे ठाकुर की शरण में आ जाता है तो उसका उद्धार निश्चित है।  रावण भी भगवान श्री राम के सामने आया परन्तु छल से नहीं शत्रु बन कर, कंस भी सामने शत्रु बन आया पर भगवान ने उनका उद्दार किया।

कथा को सफल बनाने में छोटू पासवान, किशोरी पासवान, ललित गुप्ता, योगेश पासवान, मुकेश सिंह, लक्ष्मण रवानी ,रमेश भुईयां, उमेश सिंह,, सुभाष पासवान, सुरेश पासवान, हेमन्त पासवान, अशोक पासवान , विनोद पासवान, महेश पासवान, मदन मोहन महतो, वीरेंद्र सिंह, आशा देवी, उर्मिला देवी ,सरिता देवी, विधा देवी, सविता देवी ,बुलू देवी आदि सक्रिय हैं।

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