किसानों को नई तकनीक, जैविक खेती, उद्यानिकी और मत्स्य पालन में उन्नति का अवसर देता है किसान मेला : नमन प्रियेश लकड़ा

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किसानों को नई तकनीक, जैविक खेती, उद्यानिकी और मत्स्य पालन में उन्नति का अवसर देता है किसान मेला : नमन प्रियेश लकड़ा

झंडा मैदान में किसान मेला सह फसल प्रदर्शनी का भव्य आयोजन

डीजे न्यूज, गिरिडीह : झंडा मैदान में आज जिला स्तरीय किसान मेला-सह-फसल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा और जिला परिषद अध्यक्षा मुनिया देवी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर उप विकास आयुक्त, सदर अनुमंडल पदाधिकारी और कृषि विभाग के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।

किसानों के लिए 18 स्टॉल लगाए गए

इस मेले में किसानों की सहायता के लिए कुल 18 स्टॉल लगाए गए, जिनमें कृषि उपकरण, आधुनिक तकनीक, जैविक उत्पाद, फसलों और सब्जियों की नई प्रजातियां प्रदर्शित की गईं। साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र, एफपीओ, खाद-बीज भंडार, एग्री स्मार्ट ग्राम और विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने किसानों को उनकी उपज बढ़ाने और लागत कम करने के सुझाव दिए।

उपायुक्त का संबोधन

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा, “किसान मेला किसानों को नई तकनीकों, जैविक खेती, उद्यानिकी और मत्स्य पालन में उन्नति के अवसर प्रदान करता है। इस मेले के माध्यम से किसान अपनी उपज का मूल्य बढ़ाने और पर्यावरण अनुकूल खेती के तरीकों को अपना सकते हैं। हमारा उद्देश्य योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।”

उपायुक्त ने मेले में लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया और आधुनिक कृषि तकनीकों व संसाधनों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि इन तकनीकों का उपयोग कर किसान अपनी उत्पादन क्षमता में सुधार ला सकते हैं।

जिला परिषद अध्यक्षा का सुझाव

जिला परिषद अध्यक्षा मुनिया देवी ने कहा कि किसानों को सिंचाई की समस्या के समाधान के लिए चेक डैम, तालाब और कूप जैसी योजनाओं पर जोर देना चाहिए। उन्होंने तकनीकी ढंग से खेती करने की सलाह देते हुए कहा कि यदि किसान सही समय पर बीज उपचार और सिंचाई करें, तो उनकी उपज में अधिक वृद्धि होगी।

 

जिला कृषि पदाधिकारी की जानकारी

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि वैज्ञानिक विधियों से खेती करने से लागत कम होती है और मुनाफा 5 से 7 गुना तक बढ़ सकता है। उन्होंने किसानों को नीम, करंज, सरसों खली और जैविक खाद का अधिक उपयोग करने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने महिला किसानों को गृह वाटिका में मौसमी सब्जियां और फल उगाकर पोषण और आय बढ़ाने का सुझाव दिया।

किसानों के लिए सलाह और योजनाएं

कृषि विभाग ने ड्रॉप मोर क्रॉप और अन्य योजनाओं की जानकारी दी। आत्मा परियोजना और प्रखंड स्तर पर कार्यरत तकनीकी प्रबंधकों ने किसानों को उन्नत खेती के तरीकों से अवगत कराया।

 

प्रदर्शनी ने खींचा ध्यान

फसल प्रदर्शनी में जैविक उत्पादों, स्थानीय सब्जियों और फलों की विभिन्न प्रजातियों का प्रदर्शन किया गया। किसानों ने नई तकनीकों और खेती के आधुनिक साधनों को समझने के लिए स्टॉलों का दौरा किया।

 

निष्कर्ष:

यह किसान मेला किसानों के लिए लाभकारी साबित हुआ, जहां उन्हें तकनीकी ज्ञान और सरकारी योजनाओं की जानकारी मिली। इस कार्यक्रम ने किसानों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया।

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