युवाओं के आर्दश हैं स्वामी विवेकानंद : शालिनी खोवाला

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युवाओं के आर्दश हैं स्वामी विवेकानंद : शालिनी खोवाला

स्कॉलर बीएडकॉलेज में मनी स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती 

रचनात्मक प्रतियोगिता का आयोजन 

डीजे न्यूज, गिरिडीह : युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती के अवसर पर स्कॉलर B.Ed कॉलेज में विविध रचनात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में प्रशिक्षु छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन कॉलेज की प्राचार्य डॉ. शालिनी खोवाला के मार्गदर्शन में हुआ।

 

माल्यार्पण से कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पण के साथ हुआ। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. शालिनी खोवाला ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि “स्वामी विवेकानंद ने हमेशा युवाओं को देश का भविष्य बताया और उन्हें जीवन की कठिनाइयों से लड़ने के लिए प्रेरित किया। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सही दिशा और प्रयास से हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।”

 

प्रतियोगिताओं के माध्यम से दिखी रचनात्मकता

महाविद्यालय में भाषण, रंगोली, कविता लेखन और पेंटिंग जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में छात्रों ने अपनी रचनात्मकता और कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन किया। हर प्रतियोगिता में स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके विचारों को केंद्र में रखा गया।

प्रतियोगिताओं के विजेता और निर्णायक मंडल

 

प्रतियोगिताओं का मूल्यांकन प्राचार्य डॉ. शालिनी खोवाला, डॉ. हरदीप कौर, डॉ. सुधांशु शेखर जमैयार, डॉ. प्रवीण कुमार मिश्रा और आशीष राज की निर्णायक मंडली ने किया।

 

 

विजेता प्रतिभागी:

 

भाषण प्रतियोगिता: तस्कीन सबा

कविता लेखन प्रतियोगिता: शिल्पा चंद्रा

 

पेंटिंग प्रतियोगिता: समृद्धि कुमारी

 

रंगोली प्रतियोगिता: काजल ग्रुप (काजल, श्रेया सिन्हा, नीलम कुमारी)

 

 

विजेताओं को प्रमाण पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

सहायक प्राध्यापकों का योगदान

 

कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक प्राध्यापक डॉ. संतोष कुमार चौधरी, स्मिता कुमारी, रंजीत कुमार और अन्य स्टाफ सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रशिक्षुओं ने भी आयोजन को यादगार बनाने में सक्रिय सहयोग दिया।

 

युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों से जोड़ा गया

 

इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के विचारों को युवाओं तक पहुंचाना और उन्हें उनके आदर्शों को अपनाने के लिए प्रेरित करना था। प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्रों को अपने विचारों और रचनात्मकता को व्यक्त करने का अवसर मिला।

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