विवाद से पूरे परिवार को होता मानसिक तनाव : प्रधान जिला जज
डीजे न्यूज, गिरिडीह : भारतीय समाज में परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए परिवार में होने वाली छोटी-छोटी बातों को इस मंच के माध्यम से दोनों पक्षकारों की आपसी सहमति के आधार पर सुलह समझौते के तहत समाप्त करने की कोशिश की जाती है एवं फिर से पारिवारिक जीवन को सफल बनाने की दिशा में पक्षकारों को प्रेरित किया जाता है। ये बाते प्रधान जिला जज वीणा मिश्रा ने कही।वह सोमवार को डालसा के ओर से आयोजित पांच दिवसीय स्पेशल ड्राइव कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर बोल रही थी।प्रधान जिला जज के साथ कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अरबिंद कुमार पांडेय, अपर प्रधान न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने दीप जलाकर उदघाटन किया।वप्रधान जिला जज ने पक्षकारों से अपील करते हुए कहा कि इस अवसर का लाभ उठाकर आपसी मनमुटाव को भूलकर अपने मामलों का निष्पादन करें। नए सिरे से सभी गिले-शिकवे को भूल कर अपने जीवन की शुरुआत करें। किसी भी परिवार में कोई विवाद उत्पन्न होता है तो उस परिवार के सभी सदस्यों के साथ-साथ बच्चे भी मानसिक तनाव के दौर से गुजरते हैं।जिसका प्रतिकूल प्रभाव उस परिवार के अलावा समाज पर भी पड़ता है।कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय ने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देश पर लगातार दूसरे तीसरे माह में मध्यस्थता स्पेशल ड्राइव कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस स्पेशल ड्राइव कार्यक्रम के तहत पक्षकारों को यह स्वतंत्रता दी जाती है कि वे स्वयं अपने मामले में विचार विमर्श कर अपना तथा अपने परिवारजनों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय पर पहुंच सके तथा अपने मामले का निष्पादन करवा करवा कर शांति पूर्वक जीवन बसर कर सके। प्रशिक्षित मध्यस्थों के माध्यम से उन पक्षकारों को उचित निर्णय तक पहुंचने में मदद किया जाता है। इस प्रकार के कार्यक्रम से न्यायालय के साथ-साथ पक्षकारों के भी समय एवं धन की बचत होती है। इस प्रकार के कार्यक्रमों में पक्षकारों को भी बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी निभाते हुए अपने मामलों का निष्पादन करवाने की दिशा में सार्थक पहल करनी चाहिए।अपर प्रधान न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। डालसा सचिव सौरव कुमार गौतम ने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए ग्यारह प्रशिक्षित मध्यस्थों की प्रतिनियुक्त की गई है। इस पांच दिवसीय मध्यस्थता स्पेशल ड्राइव कार्यक्रम के लिए माननीय प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय और अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय से कुल एक सौ 78 पारिवारिक मामलों को मध्यस्थता के लिए भेजा गया है।
पहले दिन छियालीस मामलों में मध्यस्थता होना था जिनमें से दो मामलों का निष्पादन दोनों पक्षों की आपसी सहमति एवं सुलह-समझौते के आधार पर समाप्त किया गया।इस स्पेशल ड्राइव कार्यक्रम में प्रशिक्षित मध्यस्थ कामेश्वर प्रसाद यादव, गिरीश प्रसाद, श्यामदेव राय, राम रतन शर्मा, उर्मिला शर्मा, उदय मोहन पाठक, कमलेश्वर शिवमूर्ति, अनिल कुमार, साजदा खातून, डॉक्टर विद्या भूषण एवं अरुण कुमार शर्मा के द्वारा संबंधित मामलों का निष्पादन दोनों पक्षकारों की सहमति से किया जा रहा है।