कुख्यात 13 माओवादियों पर देशद्रोह का मामला चलाने को मांगी मंजूरी

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डीजेन्यूज डेस्क : गिरिडीह प्रशासन ने अनल दा समेत राज्य के तेरह नक्सलियों के खिलाफ देशद्रोह केस चलाने की तैयारी की है। इस बाबत गिरिडीह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने तेरह नक्सलियों के खिलाफ न्यायालय में अभियोजन चलाने की मंजूरी राज्य सरकार से मांगी है।
बताया जाता है कि जिन लोगो के खिलाफ अभियोजन मंजूरी दी गई है जिनमे एक करोड़ के इनामी पतिराम मांझी उर्फ अनल दा, 25 लाख के इनामी अजय महतो उर्फ टाइगर, 15 लाख के इनामी कृष्णा हांसदा, हाल ही में गिरफ्तार प्रशांत बोस की पत्नी शिला मरांडी, संतोष महतो, नुनुचंद महतो, रणविजय महतो, साहेबराम मांझी, रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा, प्रशांत मांझी उर्फ छोटका, पवन मांझी उर्फ लंगड़ा, करुणा दी उर्फ निर्मला उर्फ जोशीला, जया दी उर्फ चिंता दी शामिल है। डीसी ने एसपी के अनुशंसा और केस डायरी का अध्ययन कर अभियोजन चलाने की मंजूरी दी है। इनमें अधिकांश आरोपित अभी पुलिस के पकड़ से बाहर है।
देशद्रोह केस के लिए राज्य सरकार की स्वीकृति आवश्यक
राज्य सरकार से स्वीकृति के बिना किसी भी व्यक्ति के खिलाफ देशद्रोह का केस नही चलाया जा सकता है।देशद्रोह के मामले में राज्य सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय से प्राप्त शक्तियों के आधार पर अभियोजन मंजूरी देती है ।डीसी ने राज्य के गृहकारा विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखे अनुसंशित पत्र में जल्द अभियोजन मंजूरी देने की मांग की है।
सड़क पर लगाई गई थी आईईडी
..यह मामला मधुबन थाना क्षेत्र की है।पुलिस को सूचना मिली थी कि क्षेत्र में पुलिस और सीआरपीएफ को नुकसान पहुचाने के लिए नक्सलियों ने योजना तैयार की है।एसपी सुरेंद्र झा के नेतृत्व में पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी जवानों के साथ सर्च में निकले थे।मधुबन स्थित सीआरपीएफ कैम्प के चार किलोमीटर आगे पारसनाथ पहाड़ होते हुए निमियाघाट जाने वाले रास्ते मे सर्च किया जाने लगा।इस दौरान रोड में लगाए 32 लेंड माइंस लगाया गया था।करीब दो किलोमीटर के रास्ते मे नक्सलियों ने यह लेंड माइंस जो पाइप बम से बनाया गया था।पांच.पांच किलोग्राम का एक विस्फोटक था।सीआरपीएफ के बम निरोधक दस्ते ने सभी लेंड माइंस को निकाल कर निष्क्रिय कर दिया।प्राथमिकी में बताया गया कि निष्क्रिय करने के दौरान जोरदार विस्फोट हुआ था जिससे जमीन में गड्ढा हो गया था और आवाज़ काफी दूर तक सुनाई थी।इस वारदात का नेतृत्व एक करोड़ के इनामी नक्सली अनल दा के दस्ते ने किया था।
..अनल दा, टाइगर के बाद कृष्णा ने संभाला है पारसनाथ क्षेत्र
.इस मामले में शामिल शिला मरांडी को उसके पति और भाकपा माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के सचिव प्रशांत बोस को हाल ही में जमशेदपुर के कांड्रा के पास से गिरफ्तार किया गया था।प्रशांत बोस पर देश मे दो सौ से अधिक नक्सल मामले में संलिप्तता बताई जाती है।झारखंड में पचास से अधिक मामले दर्ज है।वही शीला मरांडी गिरिडीह पीरटांड़ के नावाटांड की रहने वाली है।वही इस मामले में शामिल अजय महतो उर्फ टाइगर पर सरकार ने 25 लाख का इनाम रखा है।नक्सली कमांडर नवीन मांझी के बाद टाइगर के हाथों में बागडोर आया था।पारसनाथ क्षेत्र छोड़ने से पूर्व झुमरा से पलमा तक टाइगर का एकछत्र नक्सल
साम्राज्य चलता था।पिछले कुछ वर्षों से शीर्ष नेतृत्व ने पारसनाथ क्षेत्र का जिम्मा कृष्णा हासदा को दी है।क्षेत्र में लेवी वसूलने के साथ विध्वंसकारी कार्यो को कृष्णा के दस्ते ही अंजाम देता है।पिछले माह चार बड़े घटना को कृष्णा के दस्ते ने अंजाम दिया था।इधर जिला प्रशासन ने कृष्णा समेत अन्य नक्सलियों के खिलाफ कानूनी रूप से सजग होते हुए कई मामलों में केस चलाने की मंजूरी दी है।

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