तालाब और चेकडैम का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं नौनिहाल

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संजीत कुमार तिवारी, धनबाद : राज्य सरकार सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के साथ ही अच्छी सुविधा देने का दावा करती है। लेकिन हकीकत इससे एकदम अलग है। टुंडी प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय दो मुंडा में पेयजल की किल्लत देखने को मिल रही है। आलम यह कि यहां के बच्चों को तालाब और चेकडैम का गंदा पानी पीकर गला तर करना पड़ रहा है। एक चपाकल तो है लेकिन उसका पानी पीने के लायक नहीं है।

जब हमें इसकी शिकायत मिली तो मध्यान्ह भोजन के वक्त विद्यालय पहुंचा तो पाया कि स्कूली बच्चे थाली धोने केलिए स्कूल के सामने बने तालाब का पानी उपयोग कर रहे थे और पीने केलिए स्कूल के पीछे बने पुराने चेकडैम का पानी । कोरोना महामारी के वक्त सरकार साफ सफाई एवम शुद्ध भोजन का पाठ पढ़ाती है पर बच्चे सीख क्या रहे हैं यह यहां की तस्वीर ही बयां कर रही है। सर्वविदित है कि पानी पहली प्राथमिकता है और पानी को शुद्ध व स्वच्छ होना चाहिए। बावजूद इस विद्यालय में विद्यार्थियों के प्रति प्रबंधन की घोर लारवाही है।इस बाबत जब विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक से सवाल पूछा गया तो उन्होंने अपनी बेबसी ही व्यक्त की जिसमें उन्होंने यह बताया कि विभागीय अधिकारी इस मामले से पल्ला झाड़ लेते हैं। ग्रामीणों ने विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम से माननीय विधायक महोदय से भी गुहार लगाई है। पर कब तक बच्चों के नसीब में शुद्ध पेयजल उपलब्ध होता है ये तो वक्त ही बताएगा। बहरहाल इस स्कूल के गंदा पानी पीने को मजबूर हैं।

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