नारायण महतो हत्याकांड में बेटा और पोता को उम्रकैद

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डीजे न्यूज, गिरिडीह :
नारायण महतो हत्याकांड में यह साबित हो गया है कि उसकी हत्या उसके बेटा और पोता ने ही किया था।पांच साल तक न्यायालय में चली लंबी सुनवाई के बाद हत्यारा उसका बेटा अशोक महतो और पोता पप्पू कुमार वर्मा साबित हुआ। जिला जज पंचम सोमेंद्रनाथ सिकदर की अदालत ने दोनों को दोषी पाकर उम्रकैद की सजा दी है। साथ ही दोनों को बीस हजार रुपए अर्थदंड जमा करने का भी आदेश दिया है।जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी।घटना ताराटांड़ थाना क्षेत्र के फुलची गांव की है जहां एक कलयुगी बेटे ने पिता का खून कर दिया था। इसमें अपने बेटे को भी साथ में गुनाह करवाया। हत्या सिर्फ इसलिए की गई थी कि मृतक नारायण महतो अपने पेंशन की राशि अशोक को नहीं देता था। वह दूसरे बेटे के साथ रहता था।आक्रोशित अशोक ने जन्मदाता की ही हत्या करने को ठाना और 21 मई 2017 की शाम करीब सात बजे धारदार हथियार से हत्या कर दी थी।

पुलिस सक्रिय नहीं रहती तो फंस जाते तीन निर्दोष :
हत्याकांड को लेकर उसके दूसरे पुत्र बैजनाथ प्रसाद वर्मा ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।जिसमे अपने पुराने रंजिश वाले तीन व्यक्ति जिनमे सेवा महतो,देवेंद्र प्रसाद वर्मा और भूटन वर्मा को आरोपित बनाया था।कहा था कि पुराने रंजिश के कारण तीनो ने ही हत्या कर सकते है।कहा था कि घटना के दिन पांच बजे उसके पिता नारायण महतो खेत मे सब्जी पटाने गए थे।जब रात आठ बजे तक नही लौटे तो खोजते हुए खेत गए। जहां पानी के पम्प रखने के स्थान पर सामने से आधा गला रेता हुआ और खून से लथपथ शव पड़ा हुआ था। इस मामले में पुलिस ने अनुसंधान शुरू कर गुप्तचर तैनात किया था।पुलिस को सूचना मिली थी कि नारायण महतो का हत्या तीन नामजद ने नही बल्कि उसके बड़े बेटे अशोक महतो और उसका बेटा पप्पू कुमार वर्मा ने ही किया था।पुलिस ने हिरासत में लेकर दोनों के पूछताछ शुरू किया।जिसमें दोनों टूट गया।दोनों ने हत्या करने की बात कबूल किया। साथ हत्या में उपयोग किया गया हथियार और खून लगा कपड़ा भी बरामद किया गया था।
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नौ गवाहों ने केस में पिता -पुत्र की संलिप्तता को किया साबित
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इस मामले में अभियोजन के तरफ से नो गवाहों का परीक्षण कराया गया।सूचक के अधिवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि गवाह चंदू राणा ने कहा घटना के समय वह शौच के लिए नारायण महतो के हाते के बगल में गया था।इसी बीच अशोक महतो और पप्पू कुमार वर्मा हाता से तड़पकर भाग रहा था।वही एक अन्य गवाह ने कहा वह आ रहा था।रात में मोटरसाइकिल के लाइट से दोनों को हाथ मे लिए खून लगा हथियार को ले जाते देखा था।वही अन्य गवाहो ने घटना का समर्थन किया।न्यायालय ने जुर्म कबूलनामे के साथ खून लगा हथियार और कपड़ा बरामद की फोरेंसिक जांच में पाए गए तथ्य के आधार पर दोनों को सजा सुनाई।

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