कलवर्ट काटने से नौलखा डैम का पानी बहा, संवेदक पर भड़के रविंद्र राय

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कलवर्ट काटने से नौलखा डैम का पानी बहा, संवेदक पर भड़के रविंद्र राय

तीन दिन में काम शुरू नहीं हुआ तो अधिकारियों का करेंगे सामाजिक बहिष्कार 

डीजे न्यूज, राजधनवार, गिरिडीह : धनवार नौलखा डैम का सौंदर्यीकरण व सुदृढ़ीकरण के कार्यो में लारवाही व कोताही बरते जाने की शिकायत को लेकर बुधवार को हुडको के निदेशक सह कोडरमा के पूर्व सांसद डॉ रविन्द्र राय ने नौलखा डैम का निरीक्षण किया।निरीक्षण के क्रम में नौलखा डैम की स्थिति देखकर वे दुखी व नाराज दिखे। कहा कि डैम का कलवर्ट काट दिए जाने से डैम पोखर बन गया है।जहां कलवर्ट काटा गया है, वहां से डैम के नीचे काफी दूर तक तेज धारा से बीस फीट गढ़ा भयावह व जानलेवा नाला बन गया है। डैम के इस हालत को देख डॉ राय ने पर्यटन विभाग के अभियंताओं से दूरभाष पर बात की। इसे आपातकालीन स्थिति बताते हुए 24 घण्टे के अंदर पहल करने को कहा। उन्होंने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि धनवार के लोग शुरू से ही हर मामले में जागरूक रहे हैं।यहां पानी की समस्या भी शुरू से रही है। नगर का पानी खारा होने के कारण पीने और नहाने धोने के लायक भी नही था। आजादी के बाद 1952-53 में तत्कालीन विधायक पुनीत राय ने जल समस्या को देखते हुए इस डैम की बुनियाद रखी थी।लेकिन इसका निर्माण अलग झारखंड राज्य बनने के बाद बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री काल मे स्वीकृत हुआ और 2004-05 में जब मैं यहां का विधायक और सरकार में मंत्री था तो लगभग पांच करोड़ के प्राक्कलन से यह कार्य पूर्ण हुआ। इसके निर्माण से धनवार और आसपास के दर्जनाधिक गांव के जल स्तर व पानी के खारापन में सुधार हुआ। हजारों एकड़ बंजर जमीन में खेती की सिंचाई में सुविधा होने लगी। इस स्थान की सुंदरता बढ़ी जिसके बाद धनवार नगर पंचायत के सैकड़ों लोग यहां स्नान ध्यान करने व शाम को टहलने आने लगे। इस स्थान की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम शुरू हुआ। इसी दौरान डैम का छलका कुछ डेमेज हो गया। सिंचाई विभाग ने उसकी मरम्मत का काम भी पर्यटन विभाग को ही सौंप दिया। लिहाजा नगर विकास एवं आवास विभाग नागकर पंचायत धनवार में अमृत 2.0 मिशन अंतर्गत नौलखा जीर्णोद्वार कार्य का शिलान्यास जुलाई 2023 को तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी व स्थानीय विधायक सह प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी द्वारा किया गया ।

जिसका कार्यकाल 2023-2024 व प्राक्कलित राशि लगभग पांच करोड़ थी। जिसका संवेदक अतुल कंस्ट्रक्शन है।काम तो शुरू हुआ लेकिन डैम का जलस्तर कम करने को लेकर संवेदक ने छिलका काटकर बहा दिया और पानी की तेज बहाव के कारण धीरे धीरे बीस फीट गड्ढा हो गया ।जिससे किसानों के फसल को भारी क्षति हुई। ठेकाटांड़ से बांधी तक के सभी गांव के लोगों का धनवार आने का छोटा रास्ता भी पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया। वहीं डैम टूटने के कारण जल स्तर नीचे चले जाने से धनवार बाजार सहित आस पास के कई गांव का कुआं व चापाकल सूख चुका है। पानी के लिए लोग भटक रहे हैं।कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि डैम बहा देने के बाद इसको सुदृढ़ करने का काम महीनों से रुका हुआ है। कभी भी तेज बारिश हो सकती है और पोखर बन चुका यह डैम मैदान बन सकता है। विभाग और संवेदक को स्थानीय सांसद व विधायक को बदनाम करने की राजनीति न करने की नसीहत देते हुए उन्होंने आपातकालीन स्थिति में 24 घंटे के अंदर डैम को सुरक्षित करने को कहा है। कहा कि अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह दिन दूर नहीं जब फिर से एक बार डैम टूटने से किसानों के फसल का नुकसान होने से रोका जा सके।बताया कि इस संबंध में गिरिडीह डीसी, डीडीसी और झारखंड सरकार को त्राहिमाम संदेश देंगे और तीन दिनों के अंदर काम शुरू नही हुआ तो पदाधिकारियों का सामाजिक बहिष्कार सहित चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा। मौके पर सुबोध कुमार सिंह, पवन साव, अनिल राय, कृष्णा चौधरी, मुरारी सिंह, सुनील साव, दयानंद साव, राकेश कुमार, महेश राय, बिनोद शर्मा, विजय राय, सहदेव राय, कृष्णदेव रजक, राजेश पांडेय, शम्भू साव, मंसूर आलम, भूषण पांडेय सहित दर्जनो लोग मौजूद थे।

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