राजेंद्र सिंह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने शून्य से शिखर तक का किया था सफर

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डीजे न्यूज, धनबाद : देशभर के कोयला व स्टील मजदूरों के नेता एवं दिग्गज राजनीतिज्ञ थे जिनकी इज्जत उनके धुर विरोधी भी करते थे। वह एक ऐसे नेता थे जो सत्ता के शिखर पर पहुंचने के बावजूद मजदूर एवं मजदूर संगठन के प्रति प्रतिबद्ध रहे। राजेंद्र सिंह के निकटतम सहयोगी रहे इंटक के वरिष्ठ नेता एनपी सिंह बुल्लू का कहना है कि टेड यूनियन और राजनीति दोनों को साथ लेकर चलने का सबसे बड़ा उदाहरण राजेंद्र सिंह हैं। मजदूरों के वयः सच्चे हमदर्द थे। राजेंद्र सिंह की दूसरी पुण्यतिथि 24 मई को मनाई जा रही है। एनपी सिंह बुल्लू ने बताया कि राजेंद्र सिंह ने राजनीति का सफर शून्य से शुरू किया था और शिखर तक पहुंचे था। ढोरी कोलियरी में वह लोडिंग इंस्पेक्टर थे। दिल दिग्गज मजदूर नेता बिंदेश्वरी दुबे के सानिध्य में आकर उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी और दुबे के साथ मजदूर राजनीति मेंं जुड़ गए थे। 85 में अपनी बेरमो सीट से कांग्रेस के टिकट पर उतारा था। पहले चुनाव मेंं ही वह
जीत गए थे। गिरिडीह जिला कांग्रेस के नेता एवं अधिवक्ता अजय कुमार सिन्हा मंटू ने बताया कि छह बार विधायक, संयुक्त बिहार में दो बार एवं झारखंड में एक बार मंत्री तथा कांग्रेस विधायक दल के नेता रहे राजेंद्र सिंह ने इंटक एवं राकोमसं को चोटी पर पहुंचाया था। राजनीति व ट्रेड यूनियन के समन्वय का वह एक उदाहरण थे। आज उनके पुत्र व विधायक अनूप सिंह उनकी विरासत को बुलंदी पर पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

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