भूमिहीनों को वन पट्टा देने के लिए राज्य सरकार संवेदनशील : नमन प्रियेश लकड़ा
भूमिहीनों को वन पट्टा देने के लिए राज्य सरकार संवेदनशील : नमन प्रियेश लकड़ा
आवश्यकतानुरूप वन पट्टा में भूमि मिले इसका प्रखंड के पदाधिकारी रखें विशेष ध्यान
डीजे न्यूज, गिरिडीह : उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में अबुआ वीर अबुआ दिशोम अभियान 2023 (वनाधिकार अभियान 2006) से संबंधित बैठक की। बैठक में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि राज्य सरकार भूमिहीनों को वन पट्टा उपलब्ध कराने को लेकर काफी संवेदनशील है। लोगों को आवश्यकतानुरूप वन पट्टा में भूमि मिले इसका प्रखंड के पदाधिकारी विशेष ध्यान रखेंगे। उन्होने स्पष्ट निर्देश दिया कि सामुदायिक एवं व्यक्तिगत वन पट्टा वितरण कार्य को अब सेचुरेशन मोड में करना सुनिश्चित करें। इस अभियान में वीर बंधुओं का काम सिर्फ वन अधिकार समिति को सहयोग करना है और अंचल और अनुमंडल के साथ समन्वय बनाना है। अबुआ बीर अबुआ दिशोम अभियान, वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अनुसार 13.12.2005 से पहले वन भूमि पर आश्रित उन समुदायों और गांवों के दावों के अनुरूप व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामुदायिक वन संसाधन पर वनाधिकार पट्टा मुहैया दिलाने का अभियान है। केवल अधिकार ही नहीं, वन पट्टा धारकों की आजीविका और खुशहाली के लिए वन क्षेत्र के संसाधनों और अन्य योजनाओं के समन्वय के लिए भी यह अभियान संकल्पित है। बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी, पूर्वी/पश्चिमी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, बेंगाबाद/गांडेय/डुमरी, सभी अंचलाधिकारी समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
2006 का वन अधिकार अधिनियम (FRA) (2005 नहीं), जिसे औपचारिक रूप से अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम के रूप में जाना जाता है, भारत में कानून का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो वन में रहने वाले समुदायों के भूमि और संसाधनों के अधिकारों को मान्यता देता है। FRA के तहत अधिकारों का दावा करने के लिए, व्यक्तियों या समुदायों को विभिन्न प्रकार के साक्ष्य प्रदान करने की आवश्यकता होती है।