धर्म की रक्षा के लिए वोटिंग में हिस्सा ले संत समाज

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धर्म की रक्षा के लिए वोटिंग में हिस्सा ले संत समाज 

मठ, मंदिर और धर्म की रक्षा के लिए संतों को होना होगा मुखर : स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती

डीजे न्यूज, पूर्वी टुंडी, धनबाद : शाश्वत वाटिका शंकरडीह में रविवार को अखिल भारतीय संत समिति झारखंड प्रांत की बैठक सह संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य वक्ता के रुप में सम्बोधन करते हुए राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि झारखंड में संत समिति की स्थिति अन्य प्रदेशों की तुलना में बहुत दयनीय है। इसलिए साधु-संतों और सन्यासी अपने सम्मान की रक्षा के लिए और धर्म को बचाने के लिए मतदान में बढ़चढ़ कर हिस्सा लें और एक योग्य सरकार चुनें। उन्होंने कहा कि देश में मठ, मंदिरों को बचाने के लिए संतों को ही आगे आना होगा। जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि देश में पूर्व सरकार के रहते जब से पैतृक संपत्ति में बेटी को बेटे के बराबर अधिकार देने का कानून बना है तब से भाई-बहनों के रिश्तों में दरारें पैदा हुईं हैं। संत समिति के सम्मेलन में झारखंड प्रदेश संत समिति का गठन किया गया।

जिसमें जमशेदपुर के स्वामी हंसानंद गिरि जी महाराज को महामंत्री तथा लोहरदगा के स्वामी कृष्ण चैतन्य ब्रह्मचारी को अध्यक्ष मनोनीत किया गया। सम्मेलन में झारखंड के विभिन्न जिलों के दर्जनों संतों ने हिस्सा लिया। झारखंड के नव मनोनीत महामंत्री स्वामी हंसानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि झारखंड में संतों को अबतक वो सम्मान नहीं मिला है जो उन्हें चाहिए। संतों के हित और अधिकारों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बातें रखने का प्रयास होगा। प्रांतीय बैठक के समापन के दौरान शाश्वत वाटिका के शैलेन्द्र सिंह, महेन्द्र अग्रवाल, सरोज कुमार महतो आदि को संतों ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया।

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