2005 से पूर्व वन पर आश्रित लोगों को अबुआ वीर, अबुआ दिशोम अभियान से जोड़ें : उपायुक्त
2005 से पूर्व वन पर आश्रित लोगों को अबुआ वीर, अबुआ दिशोम अभियान से जोड़ें : उपायुक्त
गिरिडीह के 636 बीर बंधुओं ने वन अधिकार कानून का लिया प्रशिक्षण
डीजे न्यूज, गिरिडीह : उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देशानुसार जिला कल्याण पदाधिकारी की देखरेख में जिला स्तरीय वीर बंधु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम के विषय में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि सरकार का उद्देश्य लोगों को अबुआ वीर अबुआ दिशोम अभियान से जोड़ना है। इसके माध्यम से वैसे लोग जो 13 दिसंबर 2005 से पूर्व वन पर आश्रित हैं या वन क्षेत्र में रह रहे हैं उन्हें जोड़ा जाएगा। दावा पत्र दो प्रकार के होंगे एक निजी दवा पत्र और दूसरा सामुदायिक दावा पत्र, यह नियम वनाधिकार कानून 2006 के अंतर्गत आता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी जिला कल्याण पदाधिकारी जयप्रकाश मेहरा द्वारा प्रशिक्षणार्थियों/वीर बंधुओं को दिया गया। उन्होंने बताया की सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान सभी प्रखंडों को मिलाकर 1546 निजी दावा पत्र और 48 सामुदायिक दावा पत्र कुल 1594 दावा पत्र प्राप्त हुए हैं। जिनकी प्रक्रिया होना अभी बाकी है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में रांची से प्रशिक्षित होकर आए मास्टर ट्रेनर सह अभिव्यक्ति फाउंडेशन के कार्यकर्ता विलियम जेकब द्वारा वन अधिकार कानून 2006 के तहत एकल पट्टा और सामुदायिक पट्टा के विषय में वीर बंधुओं को बताया गया। वीर बंधुओं को जानकारी देते हुए बताया गया कि कैसे दावा पत्र भरने में सहयोग करेंगे। उसमें क्या क्या दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य है और उसके बाद दावा पत्र वनाधिकार समिति के पास जमा करेंगे। जब सारी प्रक्रिया पुरी हो जाएगी उसके बाद ग्राम सभा के पास दावा पत्र जमा करेंगे। ग्राम सभा सारी प्रक्रिया जांचने के बाद ग्राम सभा बैठक कर रेजुलेशन पारित करते हुए अग्रतार कार्रवाई के लिए अनुमंडल समिति के पास दस्तावेज भेज देगी। इत्यादि सारी बातों का विस्तृत जानकारी लोगों को दिया गया। उन्होंने वनाधिकार समिति और ग्राम सभा के कार्य और जिम्मेवारी के विषय में विस्तार पूर्वक बताया। इस कानून में ग्राम सभा एक अधिकारी के तौर पर कार्य करेगी यह भी जानकारी दिया गया।
प्रशिक्षण में वन अधिकार कानून 2006 के विषय में मास्टर ट्रेनर सह भूमि उप समाहर्ता डुमरी जीत राय मुर्मू द्वारा कानूनी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी और एक्ट के विषय में विस्तार पूर्वक बताया गया। उन्होंने बताया कि ग्राम सभा में जो भी दवा पत्र पारित किए जाएंगे वह ग्राम सभा से सीधा अनुमंडल कार्यालय भेजा जाएगा। यदि अंचल में जमा किया जाता है तो आंचल का कार्य सिर्फ दवा पत्र को अनुमंडल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी होगी उसमें किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ का उन्हें कोई अधिकार इस कानून में नहीं दिया गया है।
प्रशिक्षण में झार एफआरए एप के विषय में मास्टर ट्रेनर सह ई डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सूर्या सरकार और आईटी मैनेजर अंकुर कुमार द्वारा वीर बंधुओं को विस्तार पूर्वक समझाया गया तथा एप भी डाउनलोड करवाया गया।
इधर मौके पर मौजूद मास्टर ट्रेनर सह वन क्षेत्र पदाधिकारी गावां अनिल कुमार द्वारा वीर बंधुओ से कहा गया कि किसी भी तरह का गलत दावा प्रस्तुत होने पर उसे निरस्त किया जाएगा। इसलिए दावा पत्र सही व्यक्ति को मिले या जो भी दावा कर रहे हैं, वह समुदाय वास्तव में दावा का हकदार हो। कार्यक्रम के अंत में मास्टर ट्रेनर अंबेडकर सामाजिक संस्थान के कार्यकर्ता जामेल किस्कू द्वारा सामुदायिक वन पट्टा और निजी दावा के विषय में वीडियो के माध्यम से वीर बंधुओं को जानकारी दी गई।