उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना मौलाना अबुल कलाम की देन : डा. अरुण

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उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना मौलाना अबुल कलाम की देन : डा. अरुण 

डीजे न्यूज, सिजुआ, धनबाद : शहीद शक्तिनाथ महतो स्मारक इंटर कॉलेज सिजूआ में शनिवार को स्वतंत्रता सेनानी भारत के पहले शिक्षामंत्री भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद की 135 वीं जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया गया। उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्राचार्य डॉक्टर अरुण कुमार महतो ने कहा कि आज के दिन छात्र और शिक्षक साक्षरता के महत्व और शिक्षा के विभिन्न पहलुओं के प्रति अपने विचार साझा करते हैं। अबुल कलाम आजाद 1916 से 1920 के बीच लगभग पौने चार साल रांची में रहे। अधिकांश समय वे ब्रिटिश शासन के नजरबंद थे। इस अवधि में उन्होंने रांची में अंजुमन इस्लामिया और मदरसा इस्लामिया की स्थापना की। शिक्षामंत्री रहते हुए उन्होंने शिक्षा और संस्कृति को विकसित करने के लिए उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की। आइआइटी और यूजीसी की स्थापना का श्रेय उन्हीं को जाता है। संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी और ललित कला अकादमी की स्थापना उन्हीं के कार्यकाल में की गयी।उनके द्वारा स्थापित भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद कला, संस्कृति और साहित्य के विकास और संवर्धन के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान है। शिबू सोरेन डिग्री कॉलेज टुंडी के प्राचार्य डा. गौरांग भारद्वाज, प्रो रमेश प्रसाद, प्रो राकेश कुमार महतो, प्रो मनोज कुमार महतो, प्रो समीर कुमार महतो, प्रो अविनाश कुमार, प्रो कल्पना कुमारी, प्रो राजू महतो, प्रो मेघनाथ महतो, प्रो दिनेश मधेशिया, प्रो राजकुमार प्रसाद, प्रो पंचानन सिंह चौधरी, प्रो चमन महतो, प्रो शेखर महतो आदि थे।

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