सरना धर्म कोड के लिए रांची की जनसभा में गरजे सालखन

0
Screenshot_20230722_165842_Gallery

सरना धर्म कोड के लिए रांची की जनसभा में गरजे सालखन

आरक्षित सीटों से सांसद-विधायक बनने वाले आदिवासियों की नहीं, अपनी पार्टियों की करते हैं गुलामी : मुर्मू 

मरांग बुरू पारसनाथ पहाड़ को बचाने के लिए 10 दिसंबर को मधुबन में होगा आदिवासियों का जुटान 

डीजे न्यूज, रांची : आदिवासी सेंगेल अभियान ने बुधवार को मोराबादी मैदान में सरना धर्म कोड जनसभा की। इसमें देश-विदेश से सेंगेल के नेता, प्रतिनिधि एवं समर्थक शामिल हुए। जनसभा में सरना धर्म कोड सोतो: समिति का बड़ा मुंडा जत्था खूंटी जिला से शामिल हुआ। केंद्रीय सरना समिति की तरफ से फूलचंद तिर्की और भुवनेश्वर लोहार ने भी संबोधित किया। जनसभा में स्व. डॉ. करमा उरांव की पत्नी शांति उरांव और स्व. साहेब राम मुर्मू के पुत्र

देवदुलाल मुर्मू को शाल और सरना मान-पत्र देकर सम्मानित किया गया।

सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि भारत के प्रकृति पूजक आदिवासी हिंदू ,मुसलमान, ईसाई आदि नहीं हैं। उनकी मांग है सरना धर्म कोड देकर अविलंब उनको धार्मिक आजादी दी जाए, अन्यथा 30 दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा। रेल रोड चक्का जाम होगा। इस बीच घोषणा की गई कि मरांग बुरू (पारसनाथ पहाड़, गिरिडीह) को बचाने के उद्देश्य से रविवार 10 दिसंबर को मरांग बुरु बचाओ सेंगेल यात्रा होगी। देशभर के आदिवासी 10 दिसंबर को मधुबन पारसनाथ, गिरिडीह में जमा होंगे। दुमका में 22 दिसंबर को हासा भाषा विजय दिवस मनाया जाएगा। उम्मीद जताया कि प्रधानमंत्री 15 नवंबर को उलिहातू में सरना धर्म कोड मान्यता की घोषणा करेंगे।

सालखन मुर्मू ने कहा कि सरना धर्म कोड आंदोलन जहां भारत के 15 करोड़ आदिवासियों को एकजुट करेगा वहीं भारत राष्ट्र के भीतर आदिवासी राष्ट्र की अवधारणा को भी सफल बनाना होगा। इसका तात्पर्य है भारत के आदिवासियों को सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक आजादी दिलाना है। आदिवासी राष्ट्र का केंद्र झारखंड होगा। शहीदों का सपना अबुआ दिशोम अबुआ राज को स्थापित करना है। झारखंड बचेगा तभी भारत के आदिवासी बचेंगे। सालखन मुर्मू ने कहा कि आरक्षित सीटों से जीतने वाले अधिकांश आदिवासी एमएलए/ एमपी आदिवासी समाज के बदले केवल अपनी पार्टियों की गुलामी करते हैं। अधिकांश आदिवासी जन संगठन भी आदिवासी समाज के बदले अपनी-अपनी दुकान चलाते हैं। आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में जनतांत्रिक और संविधानसम्मत सुधार लाना अविलंब अनिवार्य है।

 

आज की जनसभा को देवनारायण मुर्मू, सोहन हेंब्रम, नरेंद्र हेंब्रम, बुधन मार्डी, विश्वनाथ टुडु, स्वप्न सोरेन, बरियड़ हेंब्रम, अमर कुमार मरांडी, मोहन हांसदा, तिलका मुर्मू, सुमित्रा मुर्मू, शांति उरांव, सोनाराम सोरेन और देवदुलाल मुर्मू आदि ने भी संबोधित किया।

इस खबर को शेयर करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *