शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे से हटाए जायेंगे तंबाकू उत्पाद की दुकानें

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शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे से हटाए जायेंगे तंबाकू उत्पाद की दुकानें

तम्बाकू उत्पाद विक्रेताओं को नगर निगम से लेना होगा लाइसेंस

डीजे न्यूज, धनबाद : 

एडीएम लॉ एंड ऑर्डर कमलाकांत गुप्ता की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत सोमवार को जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग और सोशियो इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के संयुक्त तत्वावधान में उन्मुखीकरण कार्यशाला सह जिला तम्बाकू नियंत्रण समन्वय समिति की बैठक का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर तम्बाकू नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्था सोशियो इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यक्रम समन्वयक रिम्पल झा ने तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कोटपा-2003 की विभिन्न धाराओं के बारे में विस्तार से बताया। उनके द्वारा तंबाकू संबंधित उत्पादों पर रोक लगाने हेतु उठाए जाने वाले कदमों आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई | उन्होंने सभी अधिकारियों को समय-समय पर सरकार द्वारा तंबाकू नियंत्रण के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों एवं उनके अनुपालन के संबंध में जानकारी दी।

इस अवसर पर दी यूनियन, नई दिल्ली के वरीय तकनीकी सलाहकार निधि सेजपाल पौराणिक ने तम्बाकू उत्पाद विक्रेताओं को धनबाद नगर निगम द्वारा दिए जाने वाले तम्बाकू उत्पाद विक्रेता लाइसेंस के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जो भी तम्बाकू उत्पाद विक्रेता धनबाद नगर निगम के क्षेत्र में आते हैं उन्हें धनबाद नगर निगम में आवेदन देकर तम्बाकू उत्पाद विक्रेता लाइसेंस प्राप्त करना है। तभी वे तम्बाकू उत्पाद बेच सकते हैं।

सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला तम्बाकू नियंत्रण समन्वय समिति ने कहा कि धनबाद जिला में यह अभियान लम्बे अरसे से चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि तंबाकू सेवन करना एक खतरनाक आदत है। जहां छोटे-छोटे बच्चे हैं वहां तो स्थिति और भी अधिक नाजुक बन जाती है। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को अभियान के रूप में चलाए जाने से काफी अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

 

एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि तम्बाकू के सेवन से न सिर्फ सेहत पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है साथ ही आर्थिक नुकसान भी होता है। तम्बाकू सेवन न करके जिंदगी के साथ साथ आर्थिक नुकसान को भी बचाया जा सकता है।

 

उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल करने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा। जिससे अपने आने वाली पीढ़ी के भविष्य को बचा सकते हैं।

 

कार्यक्रम के दौरान जिले में स्थित शैक्षणिक संस्थानों का निरीक्षण करने एवं संस्थानों के 100 गज की दूरी तक किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पादों की बिक्री ना होने देना सुनिश्चित करने, नगर निगम में तम्बाकू उत्पाद विक्रेता लाईसेंस की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करने, तम्बाकू पदार्थो से होने वाले नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक करने, सभी कार्यालयों में तंबाकू मुक्त संस्थान का साईनेज लगाने का निर्णय लिया गया।

 

कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानू प्रतापन, डॉ राजकुमार सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी भूतनाथ रजवार, जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग के डॉ मंजू दास, राहुल कुमार, शुभांकर मइत्रा, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के डॉ अमित तिवारी, जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ रितु राज, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सीड्स के प्रतिनिधियों सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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