स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर बनी पंडारकनाली की बबली
स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर बनी पंडारकनाली की बबलीतरुण
कांति घोष, धनबाद : कहते हैं मन में कुछ करने की तमन्ना और दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कोई भी मुश्किल काम आसान हो जाता है। इसे सच कर दिखाया है धनबाद प्रखंड के पांडरकनाली की रहने वाली बबली अधिकारी ने। वैश्विक महामारी कोरोना काल में प्राइवेट स्कूल की नौकरी छूट जाने के बाद वह आर्थिक परेशानी से जुझने लगी। परिजनों के भरण पोषण की चिंता सताने लगी। ऎसे समय में नारी शक्ति आजीविका सखी मंडल से जुड़ ग ई। झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के सहयोग से स्वरोजगार कर, आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है। बबली ने बताया कि नारी शक्ति आजीविका सखी मंडल में शामिल होने से पहले वह एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका थी। वैश्विक महामारी में लॉकडाउन के कारण प्राइवेट स्कूल से नौकरी छूट गया। जिस कारण परिवार को चलाने में असमर्थ थी। परिवार के बारे में सोच सोच कर वह परेशान रहने लगी थी। इसके बाद उन्होंने अपने घर पर कुछ बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और परिवार की गाड़ी को खींचने लगी। इसके बाद भी वह अपने जीवन में बहुत सी चुनौतियां और उतार-चढ़ाव का सामना करती रही। चुनौतियों से सीख लेकर और झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के माध्यम से अपने जीवन शैली को ऊपर उठाने का संकल्प लिया।बबली अधिकारी जेएसएलपीएस से एक लाख रुपए का ऋण लिया और अपने घर पर ही कपड़े की दुकान खोली। दुकान खोलने के बाद उन्होंने धीरे-धीरे उसका विस्तारिकरण किया। अब दुकान से प्रतिमाह सात से आठ हजार रुपए की कमाई कर रही है।उन्होंने कहा कि वह दुकान को और बड़ा करने की सोच रही है। साथ ही कहा कि आज वह जिस मुकाम तक पहुंची है उसका श्रेय झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी को जाता है। वह और उसका पूरा परिवार जेएसएलपीएस का आभारी हैं।