सड़कों की गुणवत्ता को लेकर मिली शिकायत तो नपेगे इंजीनियर और ठेकेदार : सीएम

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सड़कों की गुणवत्ता को लेकर मिली शिकायत तो नपेगे इंजीनियर और ठेकेदार : सीएम 

डीजे न्यूज, रांची  :  बेहतर सड़कों के नेटवर्क से विकास को गति मिलती है। ऐसे में अच्छी सड़कों के निर्माण पर सरकार का विशेष जोर है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज पथ निर्माण विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में विभिन्न सड़क परियोजनाओं के प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सड़कों का निर्माण तय समय पर पूरा हो, इसका पूरा ख्याल रखें। अगर सड़कों की गुणवत्ता को लेकर कोई शिकायत मिलती है तो संबंधित इंजीनियर और ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

 

फॉरेस्ट क्लीयरेंस से लंबित सड़क परियोजनाओं की ली जानकारी

 

मुख्यमंत्री को पथ निर्माण विभाग के सचिव ने बताया कि राज्य में फॉरेस्ट क्लीयरेंस से संबंधित 13 सड़क परियोजनाएं हैं । इनमें पांच में वन विभाग द्वारा एनओसी मिल चुका है, जबकि 8 सड़क परियोजनाएं फॉरेस्ट क्लीयरेंस की वजह से अटकी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग और पथ निर्माण विभाग आपस में समन्वय बनाकर इसका निदान निकालें, ताकि सड़कों के निर्माण में आ रही अड़चनें दूर हो सके।

 

15 हज़ार किलोमीटर बननी हैं ग्रामीण सड़के

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 15 हज़ार किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया जाना है। ऐसे में इन सड़कों के निर्माण में तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण सड़कों की क्वालिटी और मजबूतीकरण से किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा। कई बार शिकायतें मिलती है कि एक तरफ सड़कें बन रहीं हैं और दूसरी तरफ से उखाड़ भी रही हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसमें जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ सरकार एक्शन लेगी। इस मौके पर अधिकारियों ने बताया कि 15 हज़ार किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों में 6 हज़ार किलोमीटर सड़कों का डीपीआर तैयार हो चुका है और 3 हज़ार किलोमीटर सड़क निर्माण को स्वीकृति दी जा चुकी है।

 

सड़क निर्माण की मॉनिटरिंग की व्यवस्था है

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो भी सड़कें बना रही हैं, उसके निर्माण की मॉनिटरिंग होनी चाहिए । इस सिलसिले में एक पोर्टल पर सड़कों के निर्माण की लाइव वीडियो अपलोड की जाए, ताकि उसकी क्वालिटी और निर्माण की गति की पल-पल जानकारी मिलती रहे।

 

सड़कों के किनारे हेलीपैड निर्माण को लेकर कार्य योजना बनाएं

 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सड़कों के किनारे हेलीपैड निर्माण को लेकर कार्य योजना बनाएं। इसके तहत सड़कों के उन लोकेशंस को चिन्हित करें, जो हेलीपैड निर्माण के लिए उपयुक्त होंगी। इससे दुर्घटनाओं और आपातकालीन परिस्थितियों में घायलों को तत्काल एयरलिफ्ट कराकर अस्पताल पहुंचाया जा सके।

 

उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, अपर मुख्य सचिव एल खियांगते, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव सुनील कुमार, आईजी ए वी होमकर, पीसीसीएफ संजय कुमार और पीसीसीएफ शशिकर सामंता मौजूद थे।

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