आउटसोर्सिंग कंपनियों पर रखें विशेष नजर : उपायुक्त
आउटसोर्सिंग कंपनियों पर रखें विशेष नजर : उपायुक्त
कोयले के अवैध खनन, भंडारण या परिवहन होने पर सारा आरोप जिला प्रशासन और बीसीसीएल पर लगाया जाता है, जबकि इसमें संलिप्त लोग साफ बच जाते हैं : संदीप सिंह
जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की बैठक में कई अहम निर्णय
डीजे न्यूज, धनबाद : उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी संदीप सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक न्यू टाउन हॉल में आयोजित की गई। बैठक के दौरान उपायुक्त ने कोयले के अवैध खनन, परिवहन, भंडारण के रोकथाम व कोयले के अवैध खनन में संलिप्त लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दिशा निर्देश दिए।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने बीसीसीएल के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनियों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने कहा कि कोयले की सुरक्षा करना हम सभी की जिम्मेवारी है। कोयले के अवैध खनन, भंडारण या परिवहन होने पर सारा आरोप जिला प्रशासन और बीसीसीएल पर लगाया जाता है। जबकि इसमें संलिप्त लोग साफ बच जाते हैं।
थाना प्रभारियों को निर्देश देते हुए उपायुक्त ने कहा कि वे नियमित रूप से औचक पेट्रोलिंग करे। कोयला चोरी की एफआईआर दर्ज करते समय बीसीसीएल प्रबंधन से संलिप्त व्यक्ति या व्यक्तियों का नाम, वाहन मालिक का नाम सहित सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त करें। नियमित रूप से छापामारी, जब्ती, कोयला चोरी में संलिप्त लोगों की गिरफ्तारी जारी रखें। जहां बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध खनन व भंडारण हो रहा है वहां टीम बनाकर आपसी समन्वय के साथ छापामारी अभियान जारी रखें। कोयला चोरी की शिकायत मिलने पर उसकी गहन पड़ताल करें और समय पर चार्जशीट फाइल करने का भी निर्देश दिया।
बैठक के दौरान बीसीसीएल, सीआइएसएफ अथवा आउटसोर्सिंग कंपनियों के पदाधिकारियों के साथ मारपीट करने की घटना पर विस्तार से चर्चा की गई। चर्चा के बाद, ऐसी हरकत करने वालों की विशेष सूची तैयार करने तथा उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में उपायुक्त ने ई – वे बिल की मासिक समीक्षा करने, कोल ट्रेडर्स से खनन विभाग द्वारा जारी पत्र मांगने, अंचल अधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारियों को कॉल ट्रांसपोर्टिंग करने वाले वाहनों के तय रूट पर विशेष नजर रखने, माइनिंग ट्रांसपोर्टेशन के विरुद्ध विगत 6 माह में की गई कार्रवाई का ब्यौरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि 10 जून से बालू उठाव को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का आदेश प्रभावी है। आदेश के अनुसार कहीं भी बालू का उठाव नहीं होना है। उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से बालू घाटों पर पेट्रोलिंग करें। यदि वहां से कोई बालू उठाते पकड़ा जाता है, मशीन से बालू खनन का प्रयास करता है या वाहन पर बालू लोड करता है, तो यह अवैध है। ऐसे लोगों के विरुद्ध तुरंत कड़ी कार्रवाई करें। मशीन व वाहन को जप्त करे।
बैठक के दौरान बीसीसीएल के निदेशक तकनीकी ने बताया कि कोयला चोरी को रोकने के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा के प्रबंध किए हैं। विभिन्न क्षेत्र में ड्रोन से निगरानी की जाती है। 1200 सीसीटीवी कैमरे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी प्रयोग किया जा रहा है। माइन्स के प्रवेश एवं निकासी पर सीआइएसएफ की निगरानी रहती है। कुछ क्षेत्रों में निजी सुरक्षा गार्ड की तैनाती की गई है। पूर्व में दिए गए निर्देश के आलोक में गार्ड को ड्रेस भी उपलब्ध कराया है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोयला परिवहन में लगे हर वाहन में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम है। इससे मार्ग विचलित होने पर या उसके साथ छेड़छाड़ करने पर तुरंत इसकी जानकारी प्रबंधन को प्राप्त हो जाती है। इसके अलावा माइंस में केवल व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगी गाड़ियों को प्रवेश करने की अनुमति है।
इस अवसर पर ग्रामीण एसपी रेष्मा रमेशन ने अंचल स्तर पर नियमित रूप से बैठक करने, कोयला चोरी की शिकायत मिलने पर उसे प्राप्त करने और शिकायत में किसी प्रकार की त्रुटि मिलने पर उसमें आवश्यक सुधार करने के लिए मार्गदर्शन देकर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया।
बैठक में उपायुक्त संदीप सिंह, ग्रामीण एसपी रेष्मा रमेशन, सीआईएसएफ के डीआईजी विनय काजला, वन प्रमंडल पदाधिकारी विकास पालीवाल, अपर समाहर्ता नंदकिशोर गुप्ता, जिला खनन पदाधिकारी मिहीर सालकर, डीएसपी मुख्यालय – १ अमर कुमार पांडेय, ईसीएल व सीआइएसएफ के पदाधिकारी सहित सभी अंचल के अंचल अधिकारी, बीसीसीएल एरिया जीएम, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, थाना प्रभारी सहित जिला प्रशासन के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।