डुमरी के प्रवासी मजदूर की मलेशिया में मौत

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। इसी क्रम में गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र अंतर्गत के मंगलू आहार के मजदूर की मलेशिया में शुक्रवार सुबह को मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि डुमरी थाना क्षेत्र अंतर्गत मंगलू आहार निवासी भीखन महतो के 28 वर्षीय पुत्र चेतलाल महतो की मौत हो गयी। उनकी मौत की सूचना मिलते ही परिजन सकते में हैं। घटना के कारणों के बारे में अभी तक कोई पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है। चेतलाल महतो चार महीने पूर्व मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर गया था। वहां वह ट्रांसमिशन कंपनी में कार्यरत था।

परिवारवालो ने बताया कि उससे गुरूवार रात को मोबाइल से वीडियो काॅलिंग से ठीक ढंग से बात हुई थी। अचानक दूसरे दिन सुबह उसकी मौत की सूचना मिली।जिससे आज पूरे परिवार वाले सदमे में हैं और सरकार से मदद की गुहार लगायी है। मृतक अपने पीछे पुत्र सागर कुमार (10) व पुत्री सपना कुमारी(06) को छोड़ गया। इस घटना को लेकर प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली मृतक के घर मंगलू आहार पहुंचकर संवेदना प्रकट करते हुए करते हुए कहा कि झारखंड के नौजवानों की मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई लोगों की मौत हो चुकी है।रोजी-रोटी की तलाश में परदेस गये प्रवासी झारखंडी मजदूरों की मौत का सिलसिला जारी है। हर रोज झारखंड के किसी न किसी इलाके से प्रवासी मजदूर की दूसरे राज्यों या विदेश में मौत की खबरें आ रही है। प्रवासी मजदूरों की सबसे ज्यादा तादाद गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले से रोजी कमाने गये लोगों की है।अपना घर छोड़कर परदेस गये इन मजदूरों की जिंदगी तो कष्ट में बीतती ही है, मौत के बाद भी उनकी रूह को चैन नसीब नहीं होता है। किसी की लाश हफ्ते भर बाद आती है, तो किसी को 3 महीने भी लग जाते हैं।सूडान में चल रहे गृहयुद्ध के कारण कुछ मजदूर सूडान में फंसे हैं। सरकार की मदद से उनकी वापसी करायी जा रही है। ऐसी घटना को रोक लगाने के लिए सरकार को रोजगार के ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे मजदूरों का पलायन रोका जा सके।

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