उपायुक्त ने कार्मेल स्कूल से मिजिल्स रुबेला अभियान का किया शुभारंभ, पहले दिन दो हजार बच्चों का टीकाकरण
डीजे न्यूज, गिरिडीह : बुधवार को उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कार्मेल स्कूल, जी.डी बगड़िया से मिजिल्स रुबेला अभियान का उद्घाटन किया। एक माह तक चलने वाले इस अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। पहले दिन यहां दो हजार बच्चों को टीका दिया गया। टीकाकरण में यहां दस टीमें लगी हुई थी।
इस मौके पर उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने मीडिया कर्मियों व बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि मिजिल्स रुबेला एक जानलेवा बीमारी है। वैक्सीन से ही खसरा और रुबेला को नियंत्रित किया जा सकता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत शुरु हुए इस महाअभियान के तहत खसरा के संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए मिजिल्स-रुबेला का टीका लगाया जा रहा है। बच्चों में मिजिल्स रूबेला के टीकाकरण के लिए उत्साह देखने को मिल रहा है। मिजिल्स रूबेला का टीका पूरी तरह सुरक्षित है। यह बच्चों को रूबेला जैसी जानलेवा बीमारी से बचाने का काम करेगा। उपायुक्त ने सभी से मिजिल्स रूबेला का टीका लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अभियान को सफल बनाने में हमें सभी का सहयोग मिल रहा है। सभी के सहयोग एवं समन्वय से मिजिल्स रूबेला जैसी खतरनाक बीमारी से बच्चों को बचाने में कामयाब होंगे। उपायुक्त ने लोगों से अपील किया कि सभी लोग अपने नौ माह से पंद्रह वर्ष तक के बच्चों को एमआर का टीका जरूर लगवाएँ। ये पूरी तरह सुरक्षित है। पहले भी ये टीका बच्चों कों लगता आया है। मिजिल्स रुबेला तेज़ी से फैल रहा है, इसके लिए सभी बच्चे जो पहले से ये टीका ले चुके हैं या टीका नहीं लिए है सभी को एमआर से सुरक्षा के लिए टीका दिया जाना है। सिविल सर्जन ने कहा कि रूबेला संक्रमण भी पूरे भारत में मौजूद है। यह स्वतः गर्भपात, मृत जन्म और जन्मजात दोष जैसे बहरापन, अंधापन, मानसिक मंदता, हृदय दोष जैसे कई अंगों को प्रभावित करने वाली जन्मजात विकलांगता का कारण बनता है। खसरा और रूबेला को एक सुरक्षित और प्रभावी एमआर वैक्सीन से ही रोका जा सकता है। यह टीकाकरण पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर को कम करने में अहम योगदान देता है और रूबेला वैक्सीन के संयोजन से रूबेला को नियंत्रित किया जाता है और देश की आबादी में सीएसआर को रोका जा सकता है। इससे विकलांगता में कमी आएगी। सिविल सर्जन ने बताया कि मिजिल्स व रूबेला टीकाकरण के दौरान दो बातों का ध्यान मुख्य रूप से रखा जाना है। टीका के पहले बच्चों को नाश्ता और टीका के बाद आधा घंटे तक आराम जरूरी है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मिजिल्स-रुबेला टीकाकरण अभियान के तहत नौ माह से 15 साल तक के प्रत्येक बच्चे का टीकाकरण होना है। इसके तहत गिरिडीह जिले के करीब 09 लाख बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य तय किया गया है। खसरा जानलेवा भी हो जाता है, ऐसे में टीके जरूरी हैं। टीकाकरण अभियान के सफल संचालन को लेकर सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।
उद्घाटन समारोह में मुख्य रूप से जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला आरसीएच पदाधिकारी, जिला भी.बी.डी. पदाधिकारी, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, प्राचार्य, कार्मेल स्कूल, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, डेवलमेंट पार्टनर, WHO, बच्चें व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।