सउदी अरब में फंसे डुमरी के प्रवासी मजदूर ने वतन वापसी की लगाई गुहार

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : विदेश में नौकरी की जांच-पड़ताल किए बगैर एजेंट पर भरोसा करने वाले कई लोग वहां मुश्किल में फंस रहे हैं। विदेशों में झारखंड के प्रवासी मजदूरों को बंधक बनाने और वेतन नहीं देने के मामले हमेशा सामने आते रहे हैं। बताते चलें कि बच्चों की ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए एक खुशहाल जिंदगी का सपना लिए गिरिडीह जिले के अंतर्गत डुमरी प्रखंड के चकरबरई गांव का युवक खुबलाल महतो पिछले साल 18 दिसंबर को सऊदी अरब में कमाने के लिए जाता है। उसको लगता है कि हम वहां कमा कर अपने बच्चों का पेट पाल सकते हैं लेकिन उसको क्या पता था कि सऊदी अरब जाने के कुछ दिन बाद ही उसका मालिक हैवान बन जाएगा और उसको यातनाएं देगा।

तड़पता हुआ खुबलाल अपने परिजनों को किसी दूसरे के मोबाइल से फोन करता है और गुहार लगाता है कि मेरी मदद कीजिए, हमें बचा लीजिए। यहां कफील(मालिक) के द्वारा उससे गुलामों की तरह काम लिया जा रहा है। पैसे मांगने पर पिटाई की जाती है। मेरा कफील ने मेरे कपड़े, मोबाइल, पासपोर्ट सभी जला दिए है। अब परिवारवाले सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। खुबलाल की पत्नी धानेश्वरी देवी ने बताया कि दो महीने पूर्व बिहार के एजेंट के माध्यम से हमारे पति खुबलाल महतो सउदी अरब गए थे। जहां उन्हें बंधक बनाकर काम कराया जा रहा है। न ही उन्हे वेतन दिया जा रहा हैं, और न ही ठीक ढंग से खाने पीने दिया जा रहा है। विरोध करने पर उन्हें यातनाएं झेलनी पड रही हैं। फोन पर उन्होंन बताया कि कफील ने उनका मोबाइल, कपड़ा, पासपोर्ट सभी कागज़ात जला दिया हैं। प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकन्दर अली ने केंद्र व राज्य सरकार से मदद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में झारखंड में आए दिन कहीं न कहीं से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। जैसा कि ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड 36 मजदूरो में से दो मजदूर की किसी तरह से वापसी हो पायी है। अभी भी 34 मजदूर ताजिकिस्तान में फंसे हुए हैं। ऐसे में तत्काल उन सभी फंसे मजदूरों की सकुशल वतन वापसी करायी जाय।

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