बच्चे राष्ट्र की संपत्ति, विपरीत परिस्थितियों में इन्हें संभालने का प्रयास कर रही सरकार
डीजे न्यूज, रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के संवेदनशील प्रयास का परिणाम है कि गंभीर बीमारी से पीड़ित और अनाथ बच्चों को नया जीवन मिल रहा है। मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना से जहां लोगों को जीवन मिल रहा है, वहीं अन्य योजनाओं से भी लोगों के जीवन में सुगमता आ रही है। बच्चों पर भी सरकार का फोकस है। मुख्यमंत्री खुद पहल कर रहे हैं। उनके द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश के तहत ऐसे मामलों की जानकारी मिलते ही संबंधित जिला के उपायुक्त संज्ञान लेकर इलाज या योजनाओं से आच्छादन की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं।
वृद्ध दादी के तीन अनाथ पोता-पोती के भरण पोषण और शिक्षा के लिए मिला सहारा
गढ़वा प्रखंड के परिहारा पंचायत के बलिगढ़ गांव के अनुसूचित जाति परिवार के तीन बच्चों के साथ उनकी बूढ़ी दादी जब गढ़वा उपायुक्त के पास जनता दरबार में पहुंची, तो उन्हें और उनके पोता -पोती को जीने का सहारा मिल गया। उपायुक्त रमेश घोलप बलिगढ़ गांव पहुंच कर उन बच्चों एवं उनकी देखरेख करने वाली वृद्ध दादी चाखी कुंवर से मुलाकात की। बच्चों को स्कूल बैग, यूनिफार्म, स्वेटर, लंच बाक्स, पेंसिल, कापी एवं अन्य उपयोगी सामग्री दी गई। बच्चों का राशन कार्ड एवं गोल्डेन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। नौ वर्षीय निर्भय कुमार और सात वर्षीय नीलम कुमारी को मिशन वात्सल्य बाल संरक्षण सेवाएं योजना के तहत प्रतिमाह दो हजार रुपये की सहायता राशि के लिए स्वीकृति पत्र मिला। यह राशि बच्चों के 18 वर्ष के होने तक दी जा सकेगी। मालूम हो कि चाखो कुंवर अपने पुत्र और पुत्रवधू की मौत के बाद उनके तीन बच्चों अभय कुमार, निर्भय कुमार और नीलम कुमारी का किसी तरह पालन पोषण कर रही थी। बच्चों का नाम राशन कार्ड में जोड़ने को लेकर वृद्ध चाखो कुंवर विगत दिनों समाहरणालय पहुंचकर उपायुक्त से गुहार लगाई थी। मामले की जानकारी के बाद उपायुक्त उनके घर पहुंच कर विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया।
अभिराम के ट्यूमर का शुरू हुआ इलाज
अभिराम सोय की आंख में हुए ट्यूमर का इलाज शुरू हो गया है। अभिराम जल्द ही अपनी दोनों आखों से दुनिया देख सकेगा। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद यह संभव हुआ। मालूम हो कि पश्चिमी सिंहभूम के गोइलकेरा प्रखंड स्थित बारा गांव निवासी सादो सोय का चार वर्षीय पुत्र अभिराम सोय पिछले छह महीनों से आंखों के ट्यूमर से पीड़ित था। पैसे एवं जानकारी के अभाव में उसका इलाज करा पाने में उसके माता पिता असमर्थ थे। मामले की जानकारी के बाद चाईबासा उपायुक्त अन्नय मित्तल ने बच्चे के इलाज हेतु सिविल सर्जन को निर्देश दिया और अभिराम के टयूमर का उपचार शुरू हुआ।
मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना लोगों को दे रही ज़िंदगी
दुमका के एक गरीब आदिवासी परिवार का दो वर्ष का सोनाबाबु हेम्ब्रम अब कैंसर से उबर रहा है। सोनाबाबू अब ठीक होने की राह पर है। पिछले तीन महीने से कैंसर से पीड़ित सोनाबाबू के परिजनों ने इलाज के लिए बैल, बकरी, जमीन सब बेच दिया। इसके बावजूद पैसे कम पड़े और पैसे के अभाव से बच्चे का इलाज नहीं हो पाया था। मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने सोनाबाबू का इलाज सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। इसके बाद उपायुक्त दुमका ने मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना का लाभ दिया। अब बच्चा टर्मिनल कैंसर का इलाज करा पा रहा है। उसे कीमोथिरेपी की दो डोज मिली है।