खनन उद्योग का झारखण्ड की अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण योगदान : राज्यपाल

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डीजे न्यूज, धनबाद : इंडियन माइन मैनेजर्स एसोसिएशन की स्थापना के 100 वर्ष और भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर कोयला नगर स्थित सामुदायिक भवन में ‘खनन उद्योग: चुनौतियां और अवसर’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल रमेश बैस बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

इस अवसर पर उन्होंने इंडियन माइन मैनेजर्स एसोसिएशन को स्थापना के 100 वर्ष और बीसीसीएल को 50 वर्ष पूरे करने पर बधाई व शुभकामनाएँ दी और दोनों संस्थाओं को इस संगोष्ठी के आयोजन के लिए भी बधाई दी।

उन्होंने कहा कि इंडियन माइन मैनेजर्स एसोसिएशन देश में खनन उद्योग की वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने में अग्रणी रहा है। संगठन ने भारत में खनन उद्योग को प्रभावित करने वाली नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उम्मीद करते हैं कि आने वाले अनेक वर्षों तक यह संगठन खनन उद्योग और समुदाय की सेवा करता रहेगा।

उन्होंने कहा बीसीसीएल ने 2022 में अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और उन सभी लोगों की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रतिफल है जिन्होंने वर्षों से इस कंपनी से जुड़कर अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी पालन किया। विगत 50 वर्षों से भारतीय कोयला खनन उद्योग में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है और यह कंपनी देश के विकास में निरंतर योगदान दे रहा है।

खनन समुदाय को एक साथ लाने और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने और खदान प्रबंधकों तथा खनन पेशेवरों को अपने विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए इंडियन माइन मैनेजर्स एसोसिएशन और बीसीसीएल द्वारा यह पहल सराहनीय है।

उन्होंने कहा खनन उद्योग का झारखण्ड राज्य की अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। धनबाद कोयला खनन के क्षेत्र में पूरे देश में प्रसिद्ध है। इसे देश की कोयला राजधानी भी कहा जाता है। यहां पर कोयले की अनेक खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज पाए जाते हैं। खनन उद्योग अर्थव्यवस्था का एक अनिवार्य भाग है और जरूरी उत्पादों एवं सेवाओं के लिए उपयोग में आने वाली कच्ची सामग्री का महत्वपूर्ण जरिया है।

उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्व वाली सरकार में मुझे खान मंत्री के रूप में काम करने का मौका मिला। मैंने देश की विभिन्न खानों में जाकर वहाँ की स्थिति का बारीकी से अवलोकन किया तथा इस क्षेत्र में काम करने वाले कर्मियों से विभिन्न पहलुओं पर बातचीत भी की। अभी कुछ माह पूर्व मैं पूर्वी सिंहभूम स्थित यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड भी गया और वहाँ की भूमिगत खदान में जाकर वहां की गतिविधियों को नजदीक से देखा।

खनन के क्षेत्र में सुरक्षा पर बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। खनन एक जोखिम भरा पेशा है और काम के दौरान कर्मी सुरक्षित रहें, यह भी सुनिश्चित करना होगा। खनन कार्यों की दक्षता और उत्पादकता में सुधार करने की दिशा में काम करना होगा। इस क्षेत्र में निरंतर नवीनतम तकनीक और उपकरणों का उपयोग करने के आलावा इसमें काम करनेवाले कर्मियों को भी नियमित रूप से प्रशिक्षित करते रहना होगा।

राज्यपाल ने कहा खनन गतिविधियों का पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, पर्यावरण को इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव झेलना पड़ता है, जिसमें वनों की कटाई, जल तथा वायु प्रदूषण शामिल हैं। इन प्रभावों को कम करने और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए खनन कंपनियों को नई तकनीकों पर ध्यान देना होगा।

खनन उद्योग के लिए सामाजिक मुद्दे भी महत्वपूर्ण विषय हैं। खनन उद्योग स्थानीय समुदाय के विकास के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन ठीक से प्रबंधित न होने पर पर इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। खनन गतिविधियां कृषि क्षेत्र को भी प्रभावित करती है। कंपनियों को स्थानीय समुदायों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर संवाद स्थापित करना चाहिए और उनकी जरूरतों और चिंताओं को ध्यान में रखकर सीएसआर के तहत मदद करनी चाहिए।

उन्होंने कहा खनन कंपनियों को सामाजिक दायित्वों के तहत शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में भी ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में निवेश करके हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आने वाले वर्षों में राज्य और देश के पास कुशल और सक्षम कार्यबल हो। सही नीतियों, निवेश और कुशल कार्यबल के साथ प्राकृतिक संसाधनों की पूरी क्षमता से उपयोग कर अपने देश के लिए स्थायी आर्थिक विकास में भागीदार हो सकते हैं।

बीसीसीएल के सामुदायिक भवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस, सांसद धनबाद पशुपतिनाथ सिंह, बीसीसीएल के सीएमडी समिरन दत्ता, आइएमएमए अध्यक्ष केएन सिंह, सिंफर के निर्देशक एके मिश्रा सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

वहीं समारोह से पूर्व माननीय राज्यपाल को सर्किट हाउस में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। समारोह के बाद वापस रांची लौटने से पहले भी गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

इस मौके पर उपायुक्त संदीप सिंह, एसएसपी संजीव कुमार, उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह, ग्रामीण एसपी रेष्मा रमेशन, अपर समाहर्ता नंदकिशोर गुप्ता, अनुमंडल पदाधिकारी प्रेम कुमार तिवारी, डीएसपी मुख्यालय – 1 अमर कुमार पांडेय, डीसीएलआर सतीश चंद्रा, डीटीओ राजेश कुमार सिंह, ट्राफिक डीएसपी राजेश कुमार सहित तमाम पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारी मौजूद थे।

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