‘आवास मुहैया कराने के बजाय पीएम आवास को तोड़वाने में लगी है सरकार’
डीजेन्यूज डेस्क : जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन में वन विभाग द्वारा तोड़े गए पीएम आवास के मामले में इस बार प्रदेश भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा भी रेस हो गई है।इसके पहले भी जामा विधायक सीता सोरेन, स्थानीय विधायक सुदिव्य सोनू आदि भी गरीबो के आवास तोड़े जाने के खिलाफ प्रतिक्रिया दे चुके हैं । उसी मामले को गंभीरता से लेते हुए बुधवार को भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री, प्रदेश मंत्री, प्रदेश प्रवक्ता सहित अन्य लोगों की टीम मधुबन स्थित कोरिया बस्ती पहुंची। विगत 4 मार्च को वन विभाग द्वारा ध्वस्त किये गए पीएम आवास का जायजा लिया तथा पीड़ितों से बात भी की। इस क्रम में झारखंड सरकार व वन विभाग पर कई आरोप भी लगाए।
बताते चलें कि विगत 4 मार्च को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे बुधनी कुमारी, बबिता देवी व राजेंद्र बर्णवाल के मकान को वन भूमि बताकर वन विभाग की टीम ने बुलडोजर लगाकर तोड़ दिया था।जिसके बाद यह मामला सुर्खियों पर रहा।इस मामले को लेकर झामुमो विधायक सीता सोरेन ने ट्वीट भी किया था।
कोरिया बस्ती में कई पीढ़ियों से रह रहे 35 परिवारों में से बुधनी कुमारी एवं बबिता देवी का भी मकान है।
बुधनी कुमारी मधुबन पर्वत वंदना रास्ते मे भिक्षाटन कर भरण पोषण करती है।बुधनी कुमारी दोनों आंखों से दिव्यांग है।लीलटन तक बने बुधनी कुमारी एवं दो दिन पूर्व ढलाई हुए बबिता के आवास को वन विभाग ने तोड़ दिया।बताया गया कि पुराने कच्चे मकान के बगल पीएम आवास का निर्माण कार्य किया जा रहा है।जिसको लेकर दोनों पीड़ितों को सरकार द्वारा राशि भी निर्गत कर दी गई थी।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए प्रदेश महामंत्री रंजय भारती ने कहा कि वर्तमान हेमन्त सरकार आवास मुहैया कराने के बजाय केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना को तोड़वाने में लगी है।
पांच पीढ़ियों से कोरिया बस्ती में रह रहे दलित समुदाय के लोगों को जब किसी तरह आवास मिला तो बिना किसी पूर्व सूचना के बुलडोजर लगाकर ढाह दिया जाता है।जबकि वर्षों से वन भूमि में रह रहे लोगों को पट्टा देने का प्रावधान है।उन्होंने कहा कि इस मामले में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा चुप नही बैठेगी।जरूरत पड़ी तो आंदोलन का रुख अपनाना पड़ेगा।
जिप उपाध्यक्ष सह प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कामेश्वर पासवान ने कहा कि जब किसी व्यक्ति को आवास योजना स्वीकृत होता है तो ग्रामसभा से लेकर बीडीओ तक पदाधिकारी का अभिलेखके हस्ताक्षर होता है।योजना का जियो टैग होता है।अब अगर आवास की स्वीकृति वन भूमि पर दी गई है तो उन अधिकारियों मामला बनना चाहिए न कि बिना नोटिस किसी खास आदमी के इशारे पर मकान ध्वस्त कर देना चाहिए।
पत्रकारों को पूर्व मेयर सह अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील पासवान ने भी संबोधितकर दलितों के साथ अन्याय होने का आरोप लगाया है। मौके पर कमलेश राम,नबहादुर पासवान,जिला मंत्री अमर तुरी,गोविंद तुरी आदि मौजूद थे।