नन्ही सी जान की पहली पहचान जन्म प्रमाण पत्र

0

डीजे न्यूज, गिरिडीह : उपायुक्त सह जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में आज जिला स्तरीय एक दिवसीय जीवनांक संबंधी प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन नगर भवन में किया गया। उक्त अवसर पर उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने दीप प्रज्वलित कर प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का शुभारंभ किया। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी, जिला के सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सह अपर जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह निबंधक (जन्म-मृत्यु) सभी प्रखण्ड सांख्यिकी पर्यवेक्षक, सभी पंचायत सचिव -सह- निबंधक (जन्म-मृत्यु), नगर निगम, गिरिडीह के निबंधक (जन्म-मृत्यु), नगर पंचायत बड़की सरैया / धनवार के निबंधक (जन्म-मृत्यु) तथा जीवनांक कार्य से जुड़े सभी कम्प्यूटर ऑपरेटर आदि ने इसमें भाग लिया। प्रशिक्षण का प्रारम्भ करते हुए राजेश कुमार पाठक, सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा जन्म एवं मृत्यु निबंधन की प्रक्रिया से अवगत कराते हुए जन्म प्रमाण पत्र एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र के महत्व एवं लाभ के संबंध में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया। उनके द्वारा बताया गया कि जन्म एवं मृत्यु की घटना के अन्दर निबंधन करते हुए निःशुल्क के प्रमाण पत्र जारी किया जाना है। जन्म एवं मृत्यु की घटना के 21 दिनों के उपरांत परन्तु 30 दिनों के अन्दर 01 रूपया विलम्ब शुल्क के साथ निबंधक द्वारा प्रमाण-पत्र जारी किया जायेगा। 30 दिन के बाद एक साल के अन्दर शिशु के जन्म का निबंधन करने के लिए शहरी क्षेत्र हेतु जिला सांख्यिकी पदाधिकारी तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी से आदेश की प्राप्ति के उपरांत निबंधन किया जाना है। 01 साल से अधिक होने पर अनुमण्डल पदाधिकारी के अनुमति के उपरांत निबंधन कर प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है। जन्म प्रमाण पत्र के लिए शिशु का नाम आवश्यक नहीं है। शिशु का बिना नाम का प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकता है। शिशु का नामकरण के पश्चात 01 साल तक संबंधित निबंधक के पास आवेदन देकर निःशुल्क नाम अंकित कराकर जन्म प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जा सकता है 01 साल के बाद परन्तु 15 वर्षों के अन्दर 05 रुपया प्रतिवर्ष विलम्ब शुल्क साथ नाम अंकित कराकर प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है। प्रशिक्षण के दौरान वीरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा, कनीय सांख्यिकी सहायक के द्वारा जन्म मृत्यु अधिनियम, 1969 एवं झारखण्ड जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली, 2009 अधिसूचना के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। उनके द्वारा जन्म-मृत्यु संबंधी सभी प्रकार के प्रपत्र को सही-सही भरने का प्रशिक्षण दिया गया। शत-प्रतिशत जन्म एवं मृत्यु के निबंधन के लिए सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के निजी अस्पताल एवं नर्सिग होम को संबंधित रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के Login ID से जोड़ने पर बल दिया गया। ताकि सी०आर०एस० पोर्टल के माध्यम से संबंधित निजी अस्पताल तथा नर्सिंग होन में होने वाले सभी जन्म एवं मृत्यु की घटना का ऑनलाईन आवेदन संबंधित रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) को ससमय उपलब्ध कराया जा सके तथा रजिस्ट्रार द्वारा जांचोपरान्त उनका ससमय निबंधन कर प्रमाण-पत्र जारी किया जा सके। साथ ही विश्वकर्मा के द्वारा बताया गया कि निबंधन के पश्चात् 30 तीनों के भीतर संबंधित आवेदक को जन्म / मृत्यु प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराना अनिवार्य है। प्रशिक्षण सत्र के दौरान सी०आर०एस० पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन करने के संबंध में आशीष कुमार, कम्प्यूटर ऑपरेटर, जिला सांख्यिकी कार्यालय, गिरिडीह म संदीप कुमार, कम्प्यूटर ऑपरेटर नगर निगम तथा गंगा कुमार राणा, बी०डी०एन०, सामु०स्वा०केन्द्र, गावं द्वारा विस्तार पूर्वक प्रोजेक्टर के माध्यम से ऑन लाईन बताया गया। साथ ही सभी निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम को संबंधित निबंधक के Login ID के माध्यम से कैसे जोड़ा जाय के संबंध में विस्तार पूर्वक सभी निबंधक (जन्म-मृत्यु) एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर को अवगत कराया गया। प्रशिक्षण के अंत में निबंधन से संबंधित से आने वाली कठिनाईयों एवं समस्याओं के संबंध में प्रतिभागियों के द्वारा उठाये गये प्रश्नों का समाधान किया गया। प्रशिक्षण सह कार्यशाला को सफल बनाने में विशाल कुमार खण्डेलवाल, आशीष कुमार, विवेक कुमार सिन्हा का सराहनीय योगदान रहा। प्रशिक्षण -सह- कार्यशाला में भाग लेने सभी प्रतिभागियों को विजय कुमार बेक, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह अपर जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

इस खबर को शेयर करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *