एकता प्रार्थना में राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी नेतृत्व उभारने पर जोर

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डीजे न्यूज, जमशेदपुर : ऑल इंडिया संताली एजुकेशन काउंसिल मुख्यालय करनडी, जमशेदपुर में जुमीद- बनखेड़ ( एकता प्रार्थना ) का आयोजन हुआ। एकता प्रार्थना का संचालन तिलका मुर्मू ने कराया। यह एकता प्रार्थना देश के पांच प्रदेशों में प्रत्येक रविवार को लगभग 50 जिलों और 250 प्रखंडों में आदिवासी सेंगेल अभियान (सेंगेल) के नेता कार्यकर्ता सपरिवार करने की कोशिश करते हैं। साप्ताहिक एकता प्रार्थना कार्यक्रम में सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, केंद्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू, बिरसा मुंडा, बिमो मुर्मू के अतिरिक्त सीताराम माझी, भगीरथ मुर्मू, शोमाय सोरेन, अर्जुन मुर्मू ,ज्योति मुर्मू, छिता मुर्मू ,मनोज मुर्मू ,मंगल आलड़ा ,डी आर मार्डी, बहादुर हंसदा, सिदो मुर्मू ,सिंगराय सोरेन, मंगल टूडू, जूनियर मुर्मू , वासुदेव मुर्मू, सोनोत हंसदा, किशुन हंसदा आदि शामिल हुए।
एकता प्रार्थना कार्यक्रम में सालखन मुर्मू ने पूरे देश के आदिवासियों के लिए एकता और आंदोलन का संदेश दिया। उन्होंने देश के आदिवासियों और खासकर झारखंड एवं बृहद झारखंड क्षेत्र के आदिवासियों के सामने उठ रहे खतरों को चिन्हित करते हुए समाधान के तीन मंत्र दिए ;
राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी नेतृत्व को स्थापित करते हुए आदिवासी एजेंडा पर सक्रियता के साथ काम करना।

देश की संविधान को अंगीकृत करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा करते हुए अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निरन्तर संघर्ष करना।

सरना धर्म कोड (अर्थात प्रकृति पूजा धर्म) की मान्यता आंदोलन से देश के आदिवासियों को एकजुट करते हुए आदिवासियों की अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी की रक्षा करना।

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