दहेज हत्या में पति को दस साल सश्रम कारावास

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डीजे न्यूज, गिरिडीह:
दहेज हत्या में दोषी पाए गए विजय पाठक को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। जिला जज चतुर्थ पीयूष श्रीवास्तव की अदालत ने विजय पाठक को सजा सुनाई है। साथ ही बीस हजार रुपए अर्थदंड जमा करने का आदेश दिया है।जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा जेल में काटनी होगी।सेंट्रल जेल में बंद दोषी करार दिए गए विजय को न्यायालय ने दोपहर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से निर्णय सुनाया। न्यायालय ने बीते 18 नवंबर को दोषी पाया था। इसके पूर्व सजा की बिंदु पर बहस करते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता एसएन सहाय ने न्यूनतम सजा देने की अपील की। वहीं एपीपी सुधीर कुमार ने कहा शादी के एक साल अंदर विवाहिता की मौत होती है। दहेज के लिए उसकी हत्या की जाती है।उन्होंने कड़ी सजा देने की मांग की। घटना मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के विश्वासडीह गांव की है।

मृतक के पिता ने दामाद और छोटी बेटी पर साजिश कर हत्या का लगाया था आरोप

इस कांड के सूचक जितेंद्र कुमार मिश्रा ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि उसकी बेटी आरती कुमारी की शादी विजय पाठक के साथ 2016 मे हुई थी।शादी के बाद दहेज के लिए उसके दामाद और ससुराल वाले प्रताड़ित करते थे। इस बीच उसकी छोटी बेटी प्राथना कुमारी को विजय पाठक अपने जाल में फंसा कर संबंध बना लिया था। एक साजिश के तहत ससुराल वालों के साथ विजय पाठक और प्राथना कुमारी ने मिलकर आरती की हत्या 23 मई 2017 को कर दी थी। फोन पर मिले सूचना पर जाकर देखे तो आरती का शव पड़ा था। शरीर में जख्म के निशान थे। इस मामले में प्राथना कुमारी को भी आरोपित बना कर जेल भेजा गया था। न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में प्राथना को बीते 18 नवंबर को रिहा किया था।अभियोजन के तरफ से आठ गवाहों का परीक्षण कराया गया था।

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