ट्रेड फेयर में झारखण्ड पवेलियन वोकल फार लोकल, लोकल टू ग्लोबल की ओर अग्रसर*
डीजे न्यूज, नई दिल्ली/रांची :
नई दिल्ली में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 झारखण्ड पवेलियन में ”वोकल फार लोकल, लोकल टू ग्लोबल” थीम के साथ आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। IITF का 41वें संस्करण में झारखण्ड के कलाकारों और कला को ना सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है, बल्कि इनकी कला को विदेशों में भी एक नया मंच देने की पहल मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश में की गई है। झारक्राफ्ट स्टाल में अंतर राष्ट्रीय व्यापार मेले में उनकी कला को बहुत आदर सम्मान मिल रहा है। राज्य के इस कलाकार का विश्वास है कि उनकी कला अब विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाने में सक्षम होगा। मालूम हो कि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 में इस वर्ष झारखण्ड पार्टनर राज्य के रूप में अपनी भागीदारी निभा रहा है। 14 दिवसीय व्यापार मेले में लगभग 2,500 घरेलू और 12 अन्य देशों से आये विदेशी प्रतिनिधि अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं।
आदिवासी परिधानों की विशेष प्रस्तुति
झारखण्ड पवेलियन स्थित जोहर ग्राम स्टाल में ट्राइबल परिधानों को एक नए रंग रूप में विश्व के समक्ष पेश किया गया है। इससे झारखण्ड के स्थानीय बुनकरों, ट्राइबल शिल्पकारों को, ट्राइबल वीविंग को अंतर राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शन करने का सुनहरा अवसर मिल रहा है। झारखण्ड के पारम्परिक आदिवासी जैकेट, शर्ट्स, टॉवल, गमछा, टोपी आदि को प्रदर्शित किया गया है जो कि ट्रेड फेयर आने वालों के आकर्षण का केंद्र बन रहा हैं।
पलाश ब्रांड की भी धमक
झारखण्ड पवेलियन में सखी मंडल की दीदियों द्वारा तैयार किये गए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की प्रदर्शनी भी आपने आप में अनूठी है। मुख्यमंत्री के सोच के अनुरूप पलाश ब्रांड को प्रोफ़ेशनल ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इसके अतिरिक्त खादी, झारक्राफ्ट, जरे़डा, कृषि एवं वन विभाग का स्टाल भी ट्रेड फेयर में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहें हैं।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की पहल
हाल ही में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य में सौर ऊर्जा के व्यापक विस्तार हेतु सौर ऊर्जा नीति 2022 लागू किया है, जिसके तहत सौर ऊर्जा से 4000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य अगले पांच वर्षो में रखा गया है। जरे़डा के स्टाल में सौर ऊर्जा से चलने वाला झारखण्ड के गांव का 3डी मॉडल के माध्यम से विकास का एक अनोखा चित्र दिखाया गया है। ताकि राज्य में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को आकर्षित किया जा सके।