समाज के विकास में मिशन संस्थाओं का महत्वपूर्ण योगदान : हेमंत

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डीजे न्यूज, रांची :मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि इंटरनेशनल पेंटेकोस्टल होलीनेस चर्च (आई.पी.एच.सी.) विगत 100 साल से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब, जरूरतमंद, पिछड़े-कमजोर तथा आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। यह संस्थान ऐसे वर्ग के लोगों को अपने पैरों पर खड़ा कर उन्हें बल देने का काम कर रही है। झारखंड अत्यंत पिछड़े राज्यों में से एक माना जाता है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में बसने वाले लोग कठिन जीवन से गुजरते हैं, ऐसे लोगों के बीच पहुंचकर आपकी संस्था उन्हें मार्गदर्शन देकर आगे बढ़ने की ताकत दे रही है। आज मैं इस मंच के माध्यम से आप सभी को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज सिरम टोली चौक रांची स्थित होटल मेपलवुड में आईपीएचसी के 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि मुझे कई जगह मिशन संस्थाओं के साथ काम करने तथा विकासात्मक योजनाओं पर विचार-विमर्श करने का मौका मिला है। राज्य के आदिवासियों और मूलवासियों में जो शैक्षणिक और बौद्धिक विकास हुआ है इसमें कहीं न कहीं मिशन संस्थानों का महत्वपूर्ण भूमिका रहा है। सुदूर क्षेत्रों में जहां मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा की कमी है वैसे क्षेत्रों में मिशन संस्थाओं ने सकारात्मक कार्य कर मील का पत्थर स्थापित करने का काम कर दिखाया है।

मिलजुल कर झारखंड को विकसित राज्य बनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा प्रयास रहा है कि हम सभी लोग मिलजुल कर इस राज्य को विकसित राज्य बनाने की ओर आगे बढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के लोग सरल स्वभाव के होते हैं। कभी-कभी इनके सरल स्वभाव का दुरुपयोग भी किया जाता है। यहां के लोग सरल तथा सीधे स्वभाव के होने के कारण कार्यपालिका की मकड़जाल को नहीं समझ पाते हैं और सरकार की भावी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं, हमें उनके साथ खड़े रहने की आवश्यकता है। देश का 42% खनिज संपदा झारखंड में निकलता है। झारखंड की संपदा देश में रोशनी तथा देश की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बना हुआ है।

कोरोना संक्रमण काल में झारखंड ने पूरे देश में उदाहरण पेश किया

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार बनने के महज कुछ दिनों बाद ही वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण चुनौती बनकर सामने आ खड़ी हुई। राज्य सरकार ने पूरी तत्परता के साथ झारखंड के मजदूर, किसान, जरूरतमंदों सहित सभी वर्गों के लोगों को राहत पहुंचाया। मजदूरों को अपने घरों पर ही रोजगार उपलब्ध कराने का काम किया। राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण काल में किए गए कार्य देशभर में उदाहरण बना। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही कोरोना संक्रमण से निकलते हुए आगे बढ़े वैसे ही राज्य में सुखाड़ की चुनौती आ खड़ी हुई। राज्य सरकार ने सुखाड़ जैसी चुनौती को भी संभाला। यहां के किसान परिवार के लोगों को रोजगार सृजन के लिए कई योजनाओं की सौगात भी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य की परंपरा, संस्कृति और प्राकृतिक व्यवस्थाओं को मद्देनजर रखते हुए कार्य योजना तैयार करने का काम किया।

सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने की अपील

मुख्यमंत्री ने सभी से अपील करते हुए कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले चिन्हित गरीब-जरूरतमंद परिवारों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है। आप सभी लोग सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं को एक-एक जरूरतमंद तक पहुंचाने का काम करें ताकि लोगों को सरकार के प्रति विश्वास जगे।
इस अवसर पर माइकल जॉन, पतरस टुडू, अनिल रेबन, जेसन मर्की, आलोक कच्छप, अशोक मिश्रा, संजीव मसीह, सनातन सोरेन सहित साउथ इंडिया, नॉर्थ इंडिया एवं ईस्टर्न इंडिया से पहुंचे आईपीएचसी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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