_दीपावली में रात आठ से रात 10 बजे व छठ में सुबह छह से आठ बजे तक ही फोड़ सकेंगे पटाखे
डीजे न्यूज, धनबाद :
दीपावली एवं छठ त्योहार को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी प्रेम कुमार तिवारी ने पटाखा की बिक्री एवं उसके प्रयोग के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि विदेशों से आयातित पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा और उसकी बिक्री पर भी पूरी तरह से रोक रहेगी। जिले में वैसे पटाखों की ही बिक्री की जा सकेगी जिसकी ध्वनि सीमा 125 dB(A) (डेसिबल) से कम हो।
उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, रांची के सदस्य सचिव द्वारा जारी सूचना के आलोक में दीपावली के दिन पटाखे मात्र 2 घंटे के लिए, शाम 8:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक एवं छठ में प्रातः 6:00 बजे से 8:00 बजे तक की चलाए जा सकेंगे।
पटाखा विक्रेताओं को पटाखों की एक स्टॉक पंजी का संधारण भी करना होगा। इसमें पटाखे कहां से तथा कितनी मात्रा में लाया गया सहित अन्य विवरण दर्ज करना होगा। जांच के दौरान स्टॉक पंजी को प्रस्तुत भी करना होगा।
अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि पटाखों का स्टॉक घर में नहीं बल्कि बिक्री स्थल पर ही करना होगा। पटाखा का भंडारण एवं बिक्री भवन के भूमितल पर होगा। वहीं विक्रेता को बिक्री स्थल पर अग्निशमन यंत्र, पर्याप्त बालू भरे बोरे, पानी भरा ड्रम और छोटा अग्निशमन यंत्र निश्चित रूप से रखना होगा। साथ ही विक्रेता को अग्निशमन पदाधिकारी से इसका अनापत्ति प्रमाण पत्र भी प्राप्त करना होगा।
पटाखों के अस्थाई विक्रेता विधिवत रूप से अनुज्ञप्ति प्राप्त कर पटाखा की बिक्री चयनित स्थल पर ही करेंगे। इसके लिए उन्हें संबंधित स्थल का अनापत्ति पत्र लेना होगा। अस्थाई अनुज्ञप्ति धारी को विस्फोटक नियमावली 2008 के नियम 84 का अनुपालन करना होगा। अस्थाई अनुज्ञप्ति 24 अक्टूबर तक के लिए ही होगी।
दुकान निर्माण को लेकर कहा कि अस्थाई दुकान को बनाते समय ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग नहीं करेंगे। दुकान का निर्माण इस प्रकार से करेंगे कि उसमें किसी अनाधिकृत व्यक्ति का प्रवेश न हो सके। दुकान का संचालन अनुज्ञप्ति धारी स्वयं करेंगे। किसी नाबालिग बच्चे को दुकान में प्रवेश नहीं करने देंगे और न उससे बिक्री कराएंगे। 2 अस्थाई दुकानों के बीच कम से कम 3 मीटर की दूरी रखेंगे।
सभी दुकानें एक कतार में होंगी। आमने-सामने नहीं होंगी। दुकान में धूम्रपान या किसी प्रकार का लैंप, लालटेन, मोमबत्ती आदि का प्रयोग नहीं करेंगे। साथ ही विद्युत कनेक्शन ढीला ना हो यह भी सुनिश्चित करेंगे।
अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि जो भी पटाखा विक्रेता उपरोक्त निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाए जाएंगे उनके विरुद्ध आईपीसी की धारा 188 एवं वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 37 एवं अन्य सुसंगत अधिनियम के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।