गुजरात के व्यवसायी से पांच करोड़ लूट का खुलासा, लूट की सवा तीन करोड़ रुपये बरामद, छह अपराधी गिरफ्तार
गुजरात के व्यवसायी से पांच करोड़ लूट का खुलासा, लूट की सवा तीन करोड़ रुपये बरामद, छह अपराधी गिरफ्तार
डीजे न्यूज, गिरिडीह : गुजरात के व्यवसायी के पांच करोड़ रुपये लूट मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। गिरिडीह पुलिस ने लूट की राशि में 3 करोड़ 24 लाख 15 हजार रुपये बरामद कर लिया है। साथ ही पुलिस ने इस घटना में शामिल छह अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अपराधियों में राजेश सिंह उम्र 32 वर्ष पिता सचिता सिंह रामनगर भिलेज रोड, थाना गोविन्दपुर, जिला धनबाद, मो. करीम अंसारी उम्र 30 वर्ष पिता स्व० गुलाम रसुल, अमलाटाड, गोविन्दपुर, जिला धनबाद, विनोद विश्वकर्मा उम्र 30 वर्ष पिता स्व लखन विश्वकर्मा, सा० अमरपुर उपर बाजार (अमलाटांड पोस्ट + थाना गोविन्दपुर जिला धनबाद, शहजाद आलम उम्र 26 वर्ष पिता जहांगीर आलम, सा फकीरडीह, थाना गोविन्दपुर, जिला धनबाद, रंजीत कुमार उम्र 27 वर्ष पिता स्व० कमल साव, सा० रसोईया धमना, थाना बरही, जिला हजारीबाग, अजीत कुमार सिंह उम्र 35 वर्ष पिता परशुराम सिंह, कोनी, थाना ईटखोरी शामिल है।
बता दें कि 21 जून की रात में गिरिडीह जिले के जमुआ थाना अंतर्गत बाटी नामक गांव के पास अपराधियों ने क्रेटा कार के अंडरग्राउंड सेफ में रखे पांच करोड़ रुपये को लूट लिया था। यह राशि गुजरात की डीवाई कंपनी की है जो पटना से कोलकाता क्रेटा कार से ले जायी जा रही थी। इस संबंध में क्रेटा चालक मयुर सिंह जडेजा पिता महेन्द्र सिंह ग्राम पर थाना सांतलपुर, जिला पाटन, गुजरात के लिखित आवेदन पर जमुआ थाना काण्ड संख्या 256 /2023 दिनांक 21.06 2023 धारा 395 भा०द०वि० अज्ञात अपराधकर्मी के विरूद्ध दर्ज किया गया है। कांड़ की गंभीरता को देखते हुए इसके उदभेदन, संलिप्त अपराधकर्मी गिरफ्तारी तथा लूटे गये राशि की बरामदगी हेतु विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया। मानवीय तथा तकनिकी शाखा से प्राप्त सटीक सूचना पर अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी खोरीमहुआ के नेतृत्व में अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, बगोदर सरिया, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी डुमरी तथा एसआईटी के सदस्यों के साथ बरही में छापामारी की। वहां से अपराधकर्मी रंजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया। उसकी स्वीकारोक्ति बयान व निशानदेही पर रंजीत साव के पास से 14 लाख रुपये बरामद किया गया।
इसके बाद अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी खोरीमहुआ के नेतृत्व में पांच छापामारी दल तैयार कर त्वरित छापामारी करते हुए संलिप्त गिरोह के कुल छः अपराधकर्मियों की गिरफ्तारी की गई।, तथा लूट की कुल राशी 3,24,15,000 /- रूपया, घटना में प्रयुक्त वाहन, मोबाईल बरामद किया गया है। काण्ड में संलिप्त अन्य अपराधकर्मियों की गिरफ्तारी व शेष राशि की बरामदगी हेतु छापामारी की जा रही है। बताया कि कांड के वादी अपने सहयोगी जगत सिंह जडेजा के साथ 20 जून को रात्रि करीब 9 बजे पटना के डीवाई कम्पनी के मैनेजर भरत सिंह सोलंकी के निर्देश पर केटा वाहन नं. RJ45CU-9964 में बना एक गुप्त सेक में पांच करोड़ रूपये नगद भरकर कोलकाता के लिये निकले थे, कि रास्ते में गिरिडीह जिला के जमुआ थाना क्षेत्र में बाटी के पास रोड पर स्कार्पियो तथा एक्सयूभी वाहन से आये अपराधकर्मियों द्वारा उक्त क्रेटा वाहन को ओवर टेक कर रोक लिए तथा उसके चालक व सहयोगी को कब्जे में लेकर क्रेटा वाहन के सेफ में रखे 5 करोड रूपया लूट कर भाग गये थे।
बताया गया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने कार में लगे चिप के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया और हजारीबाग जिले के बरही और धनबाद जिले के गोविंदपुर में छापामारी कर दो लोगों को हिरासत में लिया। इन दोनों से हुई पूछताछ से मुंबई में छिपे तीन अन्य अपराधियों की जानकारी मिली। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन अपराधियों को मुंबई से गिरफ्तार किया और उसे हवाई मार्ग से वापस लाया गया। इन तीनों की निशानदेही के आधार पर पुलिस ने धनबाद जिले के गोविंदपुर और वासेपुर में छापामारी कर नगद रुपया भी बरामद किया है।
लूट के रुपये अपराधियों ने बांट लिये थे
मिली जानकारी के अनुसार घटना को अंजाम देने के बाद अपराधियों ने लूटी गयी पांच करोड़ रुपये का बंटवारा कर लिया था और सभी अपराधी इस रकम को लेकर अपने-अपने ठिकाने पर चले गये। इनमें से तीन अपराधी मुंबई भाग गये थे। पुलिस ने धनबाद जिले के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के अमरपुर निवासी करीम अंसारी के आवास पर छापा मारा और इस स्थल से लगभग 32 लाख रुपये की बरामदगी की गयी। जबकि करीम अंसारी के घर कोलकाता एवं उसके ससुराल वासेपुर में भी पुलिस ने छापा मारकर भारी मात्रा में लूटे गये रुपये को बरामद किया है।
रिकवरी एजेंट के सिंडिकेट ने दिया लूटकांड को अंजाम
पांच करोड़ की इस लूटपाट की घटना को बहुत ही सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया है। रिकवरी एजेंट के एक मजबूत सिंडिकेट ने इस घटना को अंजाम दिया। इस सिंडिकेट में शामिल अपराधियों का अपराध से पुराना संबंध रहा है। सूत्रों की मानें तो यह सिंडिकेट जीटी रोड पर कई घटनाओं को अलग-अलग तरीके से अंजाम देता रहा है। कभी रिकवरी एजेंट बनकर वाहनों को रोकता था और लूटपाट की घटना को अंजाम देता था। जबकि कई बार इस सिंडिकेट में शामिल लोग अधिकारी बनकर वाहनों को रोकता था और राशि की वसूली भी करता था।
डेढ़ माह पूर्व लगाया था क्रेटा में चिप
जिस क्रेटा कार से पांच करोड़ रुपये की लूटपाट की गयी है, उस कार में दो चिप लगे हुए थे। एक चिप कंपनी की थी, जबकि दूसरा चिप रिकवरी एजेंट के इस सिंडिकेट ने लगा रखा था। बताया जाता है कि लगभग डेढ़ माह पूर्व यह कार जीटी रोड से गुजर रही थी, उस समय रिकवरी एजेंट के इस सिंडिकेट ने क्रेटा कार को बरही के पास रोका था। उस वक्त सेल टैक्स का अधिकारी बताकर इस सिंडिकेट ने सात लाख रुपये की वसूली की थी। उसी वक्त इस कार में सिंडिकेट के लोगों ने एक अपना जीपीएस लगा दिया था। जीपीएस लगाने के बाद लगातार इस कार पर निगरानी रखी जा रही थी। बताया जाता है कि जब सिंडिकेट के लोगों को जानकारी मिली की क्रेटा कार से बड़ी रकम की ढुलाई होने वाली है तो सिंडिकेट सक्रिय हो गया। इस सिंडिकेट ने क्रेटा कार का पीछा नहीं किया, बल्कि जीपीएस पर निगरानी रखते हुए सीधे उसे जमुआ के बाटी के पास रोका और क्रेटा कार को अपने कब्जे में ले लिया। बताया जा रहा है कि जिस वक्त घटना को अंजाम दिया गया, उस वक्त उस जीपीएस के लोकेशन के आसपास कोई अन्य वाहन नहीं था। सूत्रों का कहना है कि सिंडिकेट के लोगों को पूर्व से ही यह जानकारी थी कि उक्त क्रेटा कार से कंपनी के नोटों की ढुलाई होती है। यही कारण है कि कार में सिंडिकेट ने स्थायी रूप से अपना जीपीएस चिप उक्त कार में गुप्त तरीके से लगा दिया था।