धनबाद जिले में 1700 स्कूल, एक भी प्रधानाध्यापक नहीं

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धनबाद जिले में 1700 स्कूल, एक भी प्रधानाध्यापक नहीं

जिले के अंतिम प्रधानाध्यापक त्रिपुरारी सिंह चौधरी मध्य विद्यालय कोला कुसमा से फरवरी 2021 में हो चुके सेवानिवृत 

राजकीयकृत मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के 237 सृजित पदों के लिए भी प्रधानाध्यक उपलब्ध कराने पर भी विभाग गंभीर नहीं : अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ

डीजे न्यूज, धनबाद : धनबाद जिले में प्राथमिक, मध्य, उत्क्रमित मध्य विद्यालय व नया प्राथमिक विद्यालयों की कुल संख्या 1700 से अधिक है। इन स्कूलों के सफल संचालन के लिए प्रत्येक विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत होने चाहिए।

लेकिन धनबाद जिले में एक भी स्कूल में प्रधानाध्यापक नहीं हैं। जिले के अंतिम प्रधानाध्यापक त्रिपुरारी सिंह चौधरी मध्य विद्यालय कोला कुसमा से फरवरी 2021 में सेवानिवृत हो चुके हैं।

नियमतः जिले के सभी 1700 विद्यालयों में एक-एक प्रधानाध्यापक होने चाहिए। ऐसे तो 1700 प्रधानाध्यापक की आवश्यकता है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने धनबाद के सभी राजकीयकृत मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के 237 पद सृजत किए थे। सृजित पद के अनुसार भी प्रधानाध्यापक उपलब्ध कराने को न तो विभाग और ना ही सरकार चिंतित है।

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि जिले में योग्य व अहर्ताधारी शिक्षक हैं, जो प्रधानाध्यापक की न्यूनतम योग्यता को पूरा करते हैं। जिन्हें माननीय उच्च न्यायालय झारखंड के आदेश के अनुसार भूतलक्षी प्रोन्नति दी जाए तो वे प्रधानाध्यापक बन सकते हैं। कुशल प्रबंधन व नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन कर गुणवत्त शिक्षा को गति देने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। जो बच्चों के उज्ज्वल भविष्य में सहायक होगा।

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