मानव तस्करी के दोषी को दस साल सश्रम कारावास, 20 हजार अर्थदंड
डीजे न्यूज, गिरिडीह : मानव तस्करी के दोषी को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है। साथ ही 20 हजार रूपये अर्थदण्ड का जुर्माना लगाया गया है। जिला जज प्रथम गोपाल पाण्डेय की अदालत ने शुक्रवार को अनिल साव को यह सजा सुनायी है। भादवि की धारा 370(2) में यह सजा दी गयी है। इसके अलावा अन्य धाराओं में तीन वर्ष सश्रम कारावास तथा धोखाधड़ी में पांच वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रूपये का अर्थदण्ड से दोषी अनिल को दण्डित किया गया है। अर्थदण्ड की राशि की अदायगी नहीं किये जाने पर अनिल को एक वर्ष का अतिरक्ति सश्रम कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके पूर्व सजा की बिंदु पर न्यायालय में सुनवाई हुई। जिसमें अभियोजन के तरफ से एपीपी सुधीर कुमार ने कड़ी सजा की वकालत की। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने न्यूनतम सजा देने की मांग की।
यह है मामला
मामला धनवार थाना क्षेत्र के पलंगी गांव का है। इस कांड के सूचक की शिकायत पर हीरोडीह थाना में 12 नवंबर 2018 को दर्ज किया गया था। प्राथिमकी में कहा गया था कि 09 मई 2016 को अनिल साव झूठा नाम पता व जाति बताकर उनकी बेटी से शादी कर ली। अनिल ने अपना नाम बिनोद दास बताया था तथा अपना घर देवरी थाना क्षेत्र के ग्राम चतरो बताया था। शादी के बाद अनिल ने बताया कि वह मुम्बई में काम करता है और लड़की को वहीं ले जाकर रखेगा। इसके बाद लड़की को अपने साथ लेकर चला गया। शुरू के एक सप्ताह मोबाईल पर बात हुआ। फिर नंबर बदल दिया। उसके बाद कभी बात नहीं हो स्की। संयोगवश 9 नवंबर 2018 को उन्होंने रेम्बा मोड़ पर लड़का को देखा और बातचीत शुरू किया कि उनकी बेटी कहां है। इसके बाद अनिल बोलते-बोलते भागने लगा ओर रेम्बा मोड़ पर एक होटल में घुस गया। होटल वाले ने अनिल को भगा दिया। होटल वाले पर जब दबाव बनाया गया और कहा गया कि उसके विरूद्ध मुकदमा करेंगे तो उसने बता दिया कि लड़का पोबी का रहने वाला है। उसका नाम अनिल साव है। वर्तमान में अनिल रेम्बा मंझलीटांड़ में एक लड़की से शादी करके रह रहा है। प्राथमिकी में बासुदेव ने कहा है कि इसके बाद 12 नवंबर 2018 को ढ़ाई बजे दिन वे लोग रेम्बा पंचायत के मुखिया पति को लेकर मंझलीटांड़ पहुंचे तो देखा कि एक लड़की के साथ लडका है। यह भी पता लगा कि लड़के ने उस लड़की से शादी भी कर ली है। इसके बाद अनिल को पकड़कर हीरोडीह पुलिस को सौंप दिया गया था।