अशिक्षित महिला बंदियों को जेल प्रशासन बनाएगी साक्षर

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : सेंट्रल जेल में महिला बंदियो की क्या स्थिति है, किस हाल में रहती है।जायजा लेने डालसा की टीम गुरुवार को सेंट्रल जेल गई।महिला बंदियों ने अपनी बातों को डालसा सचिव सौरभ कुमार गौतम के समक्ष रखी। सचिव ने महिला बंदियों से उनकी शैक्षणिक स्थिति एवं जेल में मिलने वाली सुविधाओं को लेकर पूछताछ किया। उन्होंने महिला बंदियों से कहा कि जो भी बंदी इस कारा अवधि के दौरान प्राथमिक शिक्षा अथवा उच्च शिक्षा ग्रहण करना चाहती हैं, वह अपनी सहमति जेल अधिवक्ता और पीएलवी के माध्यम से कारा प्रशासन को दे। ताकि डालसा उनके लिए शिक्षा की समुचित व्यवस्था जेल प्रशासन एवं जिला प्रशासन के साथ सामंजस्य स्थापित कर करवाया जा सके। जेलर प्रमोद कुमार ने बताया कि वर्तमान में इस कारा में कुल पचास महिला बंदी हैं।जिनके साथ अठारह बच्चे भी रह रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई लिखाई एवं अन्य अशिक्षित महिला बंदियों को साक्षर करने के लिए महिला जेल पीएलवी प्रार्थना कुमारी को निर्देशित किया गया है। सचिव महोदय ने इस संबंध में कहा कि जेल में रह रहे बच्चों की पढ़ाई के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक गिरिडीह से पत्राचार कर शीघ्र ही किसी शिक्षक की प्रतिनियुक्त कराए। अधिकांश महिला बंदियों ने किसी हस्तशिल्प अथवा रोजगार हेतु कौशल प्रशिक्षण दिलाने के लिए सचिव महोदय के समक्ष मांग रखी जिस पर उन्होंने महिला बंदियों को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही इस दिशा में कार्य कर किसी स्वयंसेवी संस्था अथवा सरकारी विभाग द्वारा सिलाई-बुनाई एवं महिलाओं से संबंधित अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की व्यवस्था महिला बंदियों के लिए करवाया जाएगा। उन्होंने जेलर प्रमोद कुमार को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि यह एक केंद्रीय कारागार है। यहां के बंदियों को प्रशिक्षण देकर कार्यालयों में उपयोग हेतु फाइल, रजिस्टर एवं अन्य उपयोगी सामग्रियों के निर्माण की दिशा में कदम उठाएं ताकि यहां के महिला बंदियों एवं पुरुष बंदियों को प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार भी मिल सके। जेलर ने कहा कि अपने विभागीय वरीय पदाधिकारियों से संपर्क स्थापित कर इस दिशा में सकारात्मक पहल किया जाएगा। जल्द ही महिला बंदियो को साक्षर बनाने के साथ जेल प्रशासन उसके स्वरोजगार की व्यवस्था करेगी।इस दिशा में कई संस्थाओं से बात भी हुई है। डालसा सचिव ने महिला बंदियो से कहा कि जेल में बिताए जा रहे इस समय का आप सभी सदुपयोग करें।अपने आपमें सकारात्मक विचारों का संचरण कर एक सभ्य नागरिक बनकर बाहर निकलें तथा समाज में मिसाल कायम करें।अनजाने जो अपराध किए गए हैं उन पर चिंतन मनन कर भविष्य में इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृति नहीं हो इसका संकल्प लें।जेल में बिताए जा रहे इस समय में स्वयं को स्वावलंबन बनाने की दिशा में कार्य करें।

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